नई दिल्ली. कार निर्माता कंपनियां लगातार अपने प्रोडक्ट्स को अपडेट रही हैं. कुछ सालों पहले तक कारें इतनी ज्यादा हाई टेक नहीं हुआ करती थीं, सभी कारों में बेसिक से फीचर्स मिलता करते थे, जो कार में यात्रा करने के एक्सपीरियंस को आरामदायक बनाने के लिए होते थे. अब धीरे-धीरे कारें काफी हाई टेक हो गई हैं. खरीदार अब लग्जरी फीचर्स के साथ-साथ कार के सेफ्टी फीचर्स को भी प्राथमिकता देने लगे हैं.
आजकल कई कारों में बहुत से एडवांस सेफ्टी फीचर्स देखने को मिल जाते हैं. इन्हीं सेफ्टी फीचर्स में से एक एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंट सिस्टम. इसे आमतौर पर ADAS के नाम से जानते हैं. यहां आज ADAS सिस्टम के बारे में सबकुछ बताने जा रहे हैं. जैसे कि ये क्या होता है? कैसे काम करता है? इसके फायदे क्या हैं?
क्या होता है ADAS?
ADAS का मतलब एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंट सिस्टम है. इसमें कई टेक्नोलॉजिकल फीचर्स शामिल हैं. इन्हें कार के सुरक्षा पहलुओं को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. ADAS की बदौलत रोड पर चलते हुए कार सामने से आने वाले खतरे, वस्तु या किसी व्यक्ति की मौजूदगी को भांप लेती है और ड्राइवर को अलर्ट करता है. इससे कई हद तक हादसों को टाला जा सकता है. ये वॉर्निंग और ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए संभावित खतरों के लिए सुरक्षा और प्रतिक्रिया समय को बढ़ाती हैं. ADAS सिस्टम कुछ नए जमाने की कारों में देखने को मिलता है. इसके अलावा इसे आफ्टर मार्केट भी लगाया जा सकता है.
ADAS में कौन-कौन से सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं?
ADAS में सड़क पर खतरों को कम करने के लिए कई तरह के सिस्टम हैं. कार निर्माता कंपनियां प्राइस रेंज के हिसाब से इन सिस्टम को उपलब्ध कराती हैं. इसमें एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल, एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम, ट्रैक्शन कंट्रोल, आगे कोई गाड़ी आने वाले टक्कर होने से पहले वॉर्निंग, ट्रैफिक सिग्नल पहचान और लेन डिपार्चर वॉर्निंग शामिल है. ADAS कार में लगे कैमरे और सेंसर की मदद से काम करता है.
ADAS के फायदे क्या हैं?
जैसा कि हम जानते हैं कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवर और इंसानों की गलती की वजह से होती हैं. सुरक्षित ड्राइविंग आदतों को बढ़ावा देने और सामान्य मानवीय गलतियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ADAS को विकसित किया गया है. वास्तव में यह सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए काफी कारगर साबित हुआ है.