मजदूरों का शोषण करना सुक्खू सरकार की कौन सी गारंटी में शामिल : जगत राम शर्मा

 प्रदेश की कांग्रेस सरकार चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार धीरे-धीरे बेशक अपनी 10 गारंटगयों को पूरा कर रही है। लेकिन मजदूरों का शोषण करना सरकार की कौन सी गारंटी में शामिल था, प्रदेश के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू हमें भी बताएं। यह बात मजदूर दिवस के मौके पर इंटक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जगत राम शर्मा ने मंडी जिला के बल्द्वाड़ा में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार 8 फरवरी 2023 की अधिसूचना को वापस नहीं लेती है, तो इसका खामियाजा सरकार को 2024 के लोकसभा चुनावों में भुगतना होगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर प्रदेश की सुक्खू सरकार भी मजदूरों का शोषण करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सुखविंदर सिंह सुक्खू राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के हाथ मजबूत करना चाहते हैं तो इस मजदूर विरोधी अधिसूचना को वापस ले।

वहीं, जगतराम शर्मा ने कहा कि 8 फरवरी 2023 को श्रम एवं रोजगार विभाग ने अधिसूचना जारी की, जिसमें मजदूर विरोधी शर्तें जारी कर दी गई। इन मजदूर विरोधी शर्तों को वापस करवाने के लिए इंटक द्वारा संघर्ष का रास्ता अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि 3 फरवरी को कैबिनेट की बैठक होनी है, बैठक में सरकार अधिसूचना को रद्द नहीं करती है तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। यदि फिर भी सरकार इस अधिसूचना को वापस नहीं लेती है तो आने वाले लोकसभा चुनावों में सुखविंदर सिंह सुक्खू को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

इससे पूर्व उन्होंने इंटक के बैनर तले सैकड़ों कमगारों के साथ बल्द्वाड़ा पंचायत भवन से तहसील कार्यालय तक निकाली गई रोष रैली में भाग लिया। रोष रैली में मनरेगा मजदूरों व कामगारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस मौके पर इंटक यूनियन द्वारा तहसीलदार प्रवीण शर्मा के माध्यम से 8 फरवरी 2023 की अधिसूचना को वापस लेने के लिए प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस मौके पर इंटक जिलाध्यक्ष वाईपी कपूर, इकाई अध्यक्ष चेतराम सहित यूनियन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।