जंगलों में लग रही आग से जहां एक और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है वही करोड़ों रुपए की वन संपदा भी जलकर राख हो रही है सोलन शहर धुएं के आगोश में पूर्ण रूप से आ गया है। सोलन की स्वच्छ जलवायु पूर्ण रूप से दूषित नजर आ रही है आमजन का सांस लेना भी दूभर हो गया है सुलगते जंगलों से निकलने वाला धुआं कब और कैसे खत्म होगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। प्रशासन भी इस मामले में लाचार दिख रहा है । क्योंकि सोलन के आस पास के सभी जंगल सुलग रहे है।
अधिक जानकारी देते हुए चिकित्सक अभिराज ने बताया कि जंगलों से निकलने वाला धुआं लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है । वातावरण में धुंआ इतना अधिक हो गया है कि लोगों की आंखों में बेहद जलन हो रही । अस्थमा के रोगियों को सांस लेना मुश्किल हो गया है।उन्होंने शहर वासियों का मार्ग दर्शन करते हुए कहा कि गर्मियों में पहले ही आँखे कुछ सूख जाती है धुआं यह सूखापन और भी बढ़ा देता है। इस लिए आँख में चिकित्स्क की सलाह से आई ड्राप डालते रहें और आखों को सूखने ने दें। वहीँ उन्होंने कहा कि जंगलों से उठते धुएं से अस्थमैटिक व्यक्ति की समस्याएं और भी अधिक बढ़ रही है।वहीँ जिन्हें कोरोना हुआ है उन्हें ज़्यादा चौकन्ना रहने की आवश्यकता है। वह मास्क डाल कर अपने को धुएं से बचा सकते है। अगर कोई अधिक परेशानी हो तो वह चिकित्सक का मार्गदर्शन अवश्य लें। उन्होंने कहा कि धुएं और धूल से बचने के लिए चश्मा ज़रूर लगाएं।