पोलैंड भेजे जा रहे पांचवी पीढ़ी के ये छह एफ-22 लड़ाकू विमान अमेरिकी वायु सेना के 90वें लड़ाकू स्क्वाड्रन के हैं। यह स्क्वाड्रन अलास्का के ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में वायु सेना के तीसरे विंग का हिस्सा है। ये 6 लड़ाकू विमान गलवार को इंग्लैंड के आरएएफ लैकेनहीथ एयरबेस पहुंचे थे।
नाटो के कमांड में गश्त लगाएंगे F-22 लड़ाकू विमान
पोलैंड भेजे जा रहे पांचवी पीढ़ी के ये छह एफ-22 लड़ाकू विमान अमेरिकी वायु सेना के 90वें लड़ाकू स्क्वाड्रन के हैं। यह स्क्वाड्रन अलास्का के ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में वायु सेना के तीसरे विंग का हिस्सा है। ये 6 लड़ाकू विमान गलवार को इंग्लैंड के आरएएफ लैकेनहीथ एयरबेस पहुंचे थे। इन विमानों को पोलैंड के लास्क में 32वें टैक्टिकल एयर बेस पर तैनात किया जाएगा। पोलैंड पहुंचने के बाद इन्हें नाटो एयर शील्डिंग मिशन में हवाई सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। नाटो एयर शील्डिंग मिशन की कमान नाटो के हाथ में होती है, जिसमें सदस्य देशों की वायु सेना के लड़ाकू विमान और ग्राउंड बेस्ड मिसाइल डिफेंस सिस्टम शामिल होते हैं।
F-22 को तैनात करने का मकसद क्या है
अमेरिका वायु सेना ने बताया है कि यह मिशन बाल्टिक से काला सागर तक नाटो देशों के लिए एक सुरक्षित हवाई क्षेत्र बनाने में सहायता करेगा। यह मिशन यह भी सुनिश्चित करेगा कि नाटो देशों की आबादी और सेना को हवाई और मिसाइल के खतरे से सुरक्षा मुहैया कराई जाए। यह अमेरिका और उसके नाटो भागीदारों के इस क्षेत्र में हवाई उपस्थिति को बढ़ाने में भी मदद करेगा। मई में नाटो रक्षा प्रमुखों की एक बैठक में अमेरिकी यूरोपीय कमान के तत्कालीन कमांडर और सुप्रीम एलाइड कमांडर रिटायर्ड एयर फोर्स जनरल टॉड वोल्टर्स ने था कि 120 जेट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है पोलैंड
पोलैंड की उपस्थिति अमेरिका और नाटो के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। पोलैंड रूस के दोस्त बेलारूस और दुश्मन यूक्रेन के साथ लंबी सीमा साझा करता है। पोलैंड की हवाई सुरक्षा अमेरिका से खरीदे F-16 लड़ाकू विमान और रूस से लिए गए MiG-29 लड़ाकू विमानों के हाथ में है। इनके अलावा जर्मनी के Spangdahlem से उड़ान भरने वाले F-35A लड़ाकू विमान भी पोलैंड के आसमान में गश्त लगाते रहते हैं। E-3 AWACS विमान भी यूक्रेन और बेलारूस की सीमाओं के पास नाटो के लड़ाकू विमानों को मदद करने के लिए उड़ान भरते हैं। इन विमानों में एरियल रिफ्यूलिंग के लिए KC-135 टैंकर को भी तैनात किया गया है।
बेहद खतरनाक हैं एफ-22 रैप्टर
एफ-22 रैप्टर विमान को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने डिजाइन और डेवलप किया है। यह सिंगल सीट, ट्विन इंजन, ऑल वेदर स्टील्थ टेक्टिकल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इस विमान की टॉप स्पीड 2,414 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 3000 किलोमीटर की रेंज में उड़ान भर सकता है। इस विमान को 15 दिसंबर 2005 में अमेरिकी वायु सेना में शामिल किया गया था। यह विमान इतनी जबरदस्त टेक्नोलॉजी से लैस है, जिसे अमेरिका ने किसी भी देश के साथ साझा नहीं किया है।