Fact Check: अमित शाह बेटे जय शाह और तिरंगा विवाद पर जानिए पूरा सच, भारत-पाकिस्तान मैच से जुड़ा है मामला

भारतीय टीम ने एशिया कप के महामुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से हरा दिया। जब टीम इंडिया के फैंस जश्न में डूबे हुए थे तो स्टेडियम में मौजूद जय शाह को एक शख्स ने भारत का नेशनल फ्लैग थमाने की कोशिश करता दिखा, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया। इस पर विवाद हो रहा है। आइए जानते हैं यह विवाद कितना सही है…

 

jay_shah1

भारत ने रोंगटे खड़े कर देने वाले रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से परास्त कर दिया। एशिया कप 2022 के इस महामुकाबले को देखने के लिए दिग्गज स्टेडियम में मौजूद थे। उसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह भी मौजूद थे। मैच में जब हार्दिक पंड्या ने विनिंग छक्का उड़ाया तो तो जय शाह का जश्न देखते बन रहा था। वह सीट से किसी बच्चे की तरह उछलने लगे थे। यहीं पर एक शख्स ने उन्हें तिरंगा झंडा पकड़ाने की कोशिश, जिसे उन्होंने थामने से इनकार कर दिया। अब इस पर बवाल मचा हुआ है।

जय शाह इस मैच में भारत की पल-पल को एंजॉय कर रहे थे। मैदान पर चौके-छक्के और विकेट का पूरा खुलकर जश्न मनाते नजर आए थे, लेकिन भारत का नेशनल फ्लैग नहीं पकड़ना उनके खिलाफ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया। उनके पिता अमित शाह होम मिनिस्टर हैं तो विपक्षी पार्टियों ने भी जमकर निशाना साधा, लेकिन मामले की तह तक कम ही लोग गए।

नवभारत टाइम्स ऑनलाइन आपको बता रहा है कि भारत-पाकिस्तान महामुकाबले में जीत के बाद जय शाह का तिरंगा पकड़ने से इनकार करना देश का अपमान नहीं था, बल्कि यह गौरव की बात थी। दरअसल, जय शाह बीसीसीआई ही नहीं, ACC में महत्वपूर्ण पद पर हैं। ACC यानी एशियन क्रिकेट काउंसिल, जिसके तहत एशिया कप खेला जा रहा है, के वह अध्यक्ष हैं।

क्या है आईसीसी का नियम, जिसने जय शाह को किया बाध्य
ICC के कोड ऑफ एथिक्स के क्लॉज 2.2 यानी लॉयल्टी के अंडर आने वाले नियम 2.2.2.2 के अनुसार, एक डायरेक्टर, कमिटी मेंबर या स्टाफ मेंबर किसी भी खास स्टेकहोल्डर (नेशनल क्रिकेट फेडरेशन या किसी नेशनल क्रिकेट फेडरेशंस के समूह) या किसी थर्ड पार्टी (यानी सरकार या पॉलिटिकल बॉडी) के इंट्रेस्ट को प्रमोट नहीं कर सकता है। यह ICC में शामिल लोगों की ड्यूटी के खिलाफ है।

इसलिए गौरव की बात
इस तरह अगर जय शाह तिरंगा लेते तो वह प्रोटोकॉल का उलंघन करते। स्टेडियम में वह सिर्फ बीसीसीआई के सचिव के तौर पर मौजूद नहीं थे, बल्कि ACC को भी रिप्रेजेंट कर रहे थे। इसलिए जो जय शाह ने किया उस पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने अपने पद की गरिमा रखी।

विपक्ष ने भी खोला मोर्चा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मेरे पास पापा हैं, झंडा अपने पास रखो।’ रमेश ने अपने इस ट्वीट के साथ मामले से संबंधित वीडियो साझा किया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को टैग किया। कांग्रेस के एक और नेता अजॉय कुमार ने वीडियो के साथ ट्वीट किया, “लगता है तिरंगा खादी का था…पॉलिस्टर का नहीं।’ कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे ने पूछा कि पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद जय शाह ने तिरंगा थामने से इनकार क्यों किया। उन्होंने पूछा ”क्या उन्हें भगवा ध्वज या भाजपा का झंडा चाहिए था।’

प्रियंका चतुर्वेदी ने मारा यू-टर्न
शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ‘हाथ में हो तिरंगा – हमारे संकल्प और देश के लिए निष्ठा का प्रतीक है। इस तरीके से तिरंगे को झटकना… यह देश की 133 करोड़ आबादी का अपमान है।’ हालांकि इसके कुछ ही मिनट बाद उन्होंने शाह का बचाव करते हुए ट्वीट किया, ‘एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) के अध्यक्ष के तौर पर तटस्थ रहना किसी भी तरह से राष्ट्रध्वज का अपमान करना नहीं है। लिहाजा ट्रोल्स अपना काम करें।’