असफलता का मतलब ये नहीं कि आप असफल हैं. इसका बस यही मतलब है कि आप अभी तक सफल नहीं हुए. वैसे भी जिनके पास बुलंद हौसला होता है. उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसी ही स्टोरी एक IAS की है, जो 13 बार असफल हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. कुछ करने के जज्बे से वो लगे रहे और अंत में अपनी मंजिल को पाने में कामयाब हो गए. आज देश उन्हें IAS अवनीश शरण के नाम से जानती है.
13 बार असफल हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी
छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण की जिंदगी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है. जिन्होंने कम संसधान के बावजूद संघर्ष किया. लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की. हाईस्कूल में थर्ड डिवीजन से पास हुए. अब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक और जानकारी शेयर की है. जिसके मुताबिक वो 13 बार असफल होने के बाद, UPSC की परीक्षा दूसरे प्रयास में क्लियर की थी.
आईएएस अधिकारी ने अपने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने दसवीं में 44 प्रतिशत, बारहवीं में 65 प्रतिशत और स्नातक में 60 प्रतिशत मार्क्स लाए थे. वहीं CDS और CPF की परीक्षा में फेल हो गए . इसके साथ ही राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 10 से अधिक बार असफल हुए, UPSC परीक्षा के प्रथम प्रयास में सिर्फ साक्षात्कार तक पहुंचे. उसके बाद दूसरे प्रयास में 77वीं रैंक हासिल की थी.
इससे पहले अवनीश ने ट्विटर पर अपनी हाईस्कूल की मार्कशीट शेयर की थी. जिसमें उन्होंने जानकारी दी थी कि वो थर्ड डिवीजन पास हुए थे.
आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट से लोगों को काफी हौसला मिल रहा है. जो छात्र कम अंक आने या असफल होने पर निराश हो जाते हैं और सोचते हैं उनका करियर खत्म हो गया. अवनीश शरण के दसवीं में 44.5 प्रतिशत मार्क्स आए थे. 13 बार विभिन्न परीक्षाओं में असफल हुए. इसके बावजूद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा.
उनके लिए UPSC क्लियर करना आसान नहीं था. कई परेशानियों का सामना किया. घर में लाइट नहीं होने के कारण लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ी. लेकिन निराश नहीं हुए. अंत में अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी में 77वीं रैंक लाकर अपने सपने को पूरा किया. आज वो दूसरों के लिए एक मिसाल हैं. उनके ट्वीट पर कई यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.
भाई,मेरी इतनी गंदी लिखावट के बावजूद हिंदी में किसी टीचर ने 93 नंबर दे दिए 😃✌🏻
— kWg …🙂 (@Gor9A07_) July 22, 2022
सच कहते हैं लोग मेहनत करने वालों की हार नहीं होती.