माना जा रहा है किहिमाचल में फर्जी विश्वविद्यालय ?

वरिष्ठ संवाददाता, शिमला 
हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों ने एक बार फिर लाज बचाई है। यूजीसी यानि की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी विवि की सूची जारी की है। इस सूची में हिमाचल का नाम नहीं है। जबकि देश के दूसरे राज्यों में 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया गया है। यानी कि शिक्षा के नाम पर विश्वविद्यालयों में दूसरे कार्य चल रहे थे। फिलहाल हिमाचल के लिए यह अच्छी खबर है। हांलाकि फर्जी डिग्रीयों के नाम से हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था पर जरूर सवाल उठे है। लेकिन यूजीसी की फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में राज्य का नाम न होने की वजह से हिमाचल सरकार व शिक्षा विभाग ने भी राहत की सांस ली है।

 

यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों के बारे में जारी सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि छात्रों एवं जनसाधारण को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न भागों में 21 स्वत: अभिकल्पित, गैर मान्यता प्राप्त संस्थान कार्यरत हैं जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियमन 1956 का उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें सबसे अधिक दिल्ली में 8, उत्तर प्रदेश में 4, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में 2-2 तथा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं।
सार्वजनिक सूचना के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही उपाधि प्रदान कर सकते हैं जिन्हें संसदीय अधिनियम द्वारा उपाधि प्रदान करने के लिये विशेष रूप से अधिकार दिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 23 के अनुसार, उपरोक्त के अलावा अन्य किसी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग निषिद्ध है।