मृत मान मृत्यु प्रमाण पत्र बना चुका था परिवार, 33 साल बाद ज़िंदा लौटा शख्स, कहा ‘तपस्या कर रहा था’

अगर किसी शख्स को उसके खुद के परिवार वालों ने मृत मान लिया हो, उसका मृत्यु प्रमाण-पत्र तक बनवा लिया हो और वो शख्स दशकों बाद वापस लौट आए तो इसे एक चमत्कार ही माना जाएगा. ऐसा ही एक चमत्कार राजस्थान के अलवर के बानसूर में देखने को मिला है. जहां एक मृत घोषित शख्स अचानक 33 साल बाद 75 साल की उम्र में अपने घर लौट आया.

33 साल बाद घर लौटा शख्स

missing man returned home after 33 years Twitter

इतने सालों में उसके घर वाले भी ये उम्मीद छोड़ चुके ठे कि वह जीवित होगा. तभी तो साल 2022 में उन्होंने शख्स का डेथ सर्टिफिकेट भी बनवा लिया. सुहागिन होने के बावजूद इस शख्स की पत्नी 33 साल तक विधवा की तरह जीती रही. अब पति जब जीवित लौटा तो उसे देख पत्नी के भी होश उड़ गए. इसके बाद शख्स ने इतने सालों की आपबीती परिवार को सुनाई. अब उनके घर में खुशी का माहौल है.

मृत मान चुके थे घरवाले

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हनुमान सैनी नामक ये शख्स 1989 में घर से कमाने के लिए दिल्ली गया था. सैनी वहां खारी बावली इलाके में काम करते थे. एक दिन वो अचानक गायब हो गए. इसके बाद परिवार वालों ने उन्हें कई साल तक उनकी तलाश की लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं मिला. अंत में हार कर सबने उन्हें मृत मान लिया और 2022 में डेथ सर्टिफिकेट बनवा दिया.

लेकिन हर कोई उस समय हैरान रह गया जब 33 साल बाद हनुमान सैनी जीवित घर पर लौटे. हनुमान सैनी के दो लड़के और तीन बेटियां हैं. सभी की शादी हो चुकी है. बहन-बेटियां उनका हाल-चाल जानने के लिए घर पहुंच रही हैं. इसके साथ ही उनके पुराने दोस्त, परिचित, पड़ोसी, गांव के लोग भी इस जानकारी के मिलते उनका समाचार लेने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं.

हनुमान सैनी ने सुनाई अपनी कहानी

हनुमान सैनी ने मीडिया को बताया कि वह 1989 में दिल्ली के खारी बावली इलाके में एक दुकान पर काम करते थे. एक दिन अचानक से वह हिमाचल के कांगड़ा माता मंदिर पहुंच गए. जिसके बाद उन्होंने करीबन 33 साल तक माता के मंदिर में आराधना-तपस्या की. उनका कहना है कि 33 साल बीत जाने के बाद माता ने उन्हें घर वापसी का आदेश दिया.

अब 29 मई को हनुमान सैनी दिल्ली से खैरथल पहुंचे. वहां से वह रात को पैदल चलकर ततारपुर चौराहे तक पहुंचे. उसके बाद सुबह किसी साधन से बानसूर के स्वास्तिया हनुमान मंदिर तक पहुंचे. फिर मंदिर में धोक लगाकर अपने घर का रास्ता बदल जाने पर किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता ली. रास्ता बताने वाले ने उन्हें पहचान लिया. उसने हनुमान सैनी को उनके घर ले जाकर परिजनों के बीच छोड़ा. हनुमान सैनी को अचानक देख कर परिजन हैरान हो गए. एक बार के लिए तो उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हुआ. इसके बाद हनुमान सैनी ने अपनी आपबीती सुनाई तब घर वाले खुशी मनाने लगे.