
भारत-चीन सीमा क्षेत्र में काम कर रहे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के कर्मचारी पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठा प्रयास कर रहे हैं. वहां रह रहे सेना और बीआरो के लोगों द्वारा इस्तेमाल पानी की खाली बोतलों को इकट्ठा करके बोतल हाउस तैयार कर दे रहे हैं. इस घर की खासियत ये है कि ये सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है.
उत्तराखंड के चमोली जिले में बीआरओ की टीम सालभर काम करती है. यहां बीआरओ के कई कैंप कार्यालय और अधिकारी आवास से लेकर ट्रांजिट हॉ्स्टल हैं. ऐसे में वहां बोतलबंद पानी की खूब जरूरत पड़ती है.
bottle house- jagran
पिछले दिनों वहां पर्यावरण संरक्षण अभियान चलाया गया था. इसमें वहां बड़ी मात्रा में पानी की खाली बातलें मिली. जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक़, कैंप के प्रमोद कुमार ने इसपर बीआरओ के टेक्नॉलजी एक्सपर्ट्स से बात की. बस यहीं से बोतल हाउस के निर्माम की रूप-रेखा तैयार हुई.
एक-एक लीटर की बोतलों में गीली रेत-बजरी भरकर मजबूत किया गया. फिर इसकी चिनाई शुरू हुई. 12 बाई 22 के इस हाउस में 10 हजार से अधिक बोतलों का इस्तेमाल हुआ. इसमें बिजली कनेक्शन भी दिया गया है.
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इससे क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी हुआ है. मजदूरों के प्रयास से ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी नहीं आया. उनके इस प्रयास की पर्यावरण के जानकार काफी सराहना करते हैं.