बेटी को पढ़ाने-लिखाने के लिए किसान पिता ने सुने दुनिया के ताने, बेटी ने SDM बन पिता की मेहनत सफ़ल कर दी

Indiatimes

एक पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए क्या कुछ नहीं करता. जब वही बच्चे उनका सपना साकार करते हैं, तो ये उस पिता की सबसे बड़ी कमाई होगी. ऋतु रानी भी जब मेहनत से SDM बनीं, तो उनके किसान पिता को भी बेटी की उपलब्धि पर गर्व हुआ होगा. अफ़सोस, वो बेटी को गले लगा कर शाबाशी देने के लिए ज़िंदा नहीं बचे (SDM Ritu Rani Success Story).

SDM Ritu Rani Success StoryIndia wave

लोगों ने ताने मार कर कहा- जैसे बेटी कलेक्टर बन जाएगी

यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली रितु रानी के पिता वेद पाल सिंह ने जब बेटी को शहर पढ़ने के लिए भेजा, तो लोगों ने ताने मारे. लोगों ने उन्हें कहा कि जैसे लगता है कि उनकी बेटी कलेक्टर बन जाएगी. इन तानों का सिलसिला तब और बढ़ गया जब बेटी को कई साल तक सफलता नहीं मिली. लेकिन, उनके पिता ने समाज और हालात की हर चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया और बेटी को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे.

जो ऋतु को ताने मारते थे. उन्हें क्या पता था कि एक दिन इलाके की यही बेटी जिले का नाम रौशन करेगी और मुजफ्फरनगर समेत करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाएगी. लेकिन इसके लिए ऋतु ने काफी संघर्ष किया.

SDM Ritu Rani Success StoryZee

सपने हुए पूरे, लेकिन अफ़सोस गुजर चुके थे पिता

रितु के पिता एक किसान थे. उनके दोनों भाई भी एक किसान हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर नहीं थी, लेकिन ऋतु पढ़ने में ठीक थीं तो जैसे-तैसे करके पिता ने पढ़ाई का खर्च उठाया. एमबीए करने के बाद  ऋतु नौकरी करने लगीं. लेकिन उनके पिता ने उन्हें UPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद रितु ने नौकरी छोड़ सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगीं.

आगे पिता बीमार हो गए. परिवार पिता के इलाज के लिए कर्ज में डूब गया था. ऋतु के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहरों में रहकर तैयारी करना मुश्किल था. उन्होंने ट्यूशन और कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया. जिससे वह अपने और पिता ने उनके लिए जो सपने देखे थे. उनको वो पूरा कर सकें. उनके भाइयों ने भी  ऋतु को बहुत सपोर्ट किया. लेकिन अफ़सोस जब रितु ने अपना सपना पूरा किया तो उस खुशी के मौके पर उनके पिता उनके साथ नहीं थे. उनकी मृत्यु हो गई थी.

SDM Ritu Rani Success StoryIndia Wave

बता दें कि ऋतु ने साल 2019 की UPSC परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल की. लेकिन, साल 2017 में ही उनके पिता का निधन हो गया.