दिल्ली में किसानों की रैली में हुए दंगे को लेकर सोलन वासियों ने अपनी तीखी प्रतिक्रियाएँ दी | उन्होंने कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान जो दंगे हुए वह बेहद शर्मनाक है | उन्होंने कहा कि इन दंगों में पुलिस और किसान दोनों ही प्रभावित हुए है | उन्होंने कहा कि किसानों के वेश में कुछ दंगाई सरेआम मारपीट कर रहे थे | जो मार्ग उन्हें बताया गया था वह उस मार्ग को तोड़ कर लालकिले तक पहुंच गए | जिस से साबित होता है कि जो किसान ट्रैक्टर मार्च में गए थे उनमें से कुछ लोगों का इरादा ठीक नहीं था | इस घटना ने सभी को शर्मसार किया है इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए थी |
सोलन शहरवासियों ने कहा कि दिल्ली की घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिए है | उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गुप्तचर विभाग ने पहले ही आगाह कर दिया था कि किसान तय रुट से अलग जा सकते है और दंगा भी हो सकता है | लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें रैली करने की अनुमति दी गई | अगर अनुमति दी थी तो दंगों को नियंत्रण करने का प्रबंध भी केंद्र सरकार को करना चाहिए था लेकिन स्थिति नियंतण्र से बाहर हो गई |
उन्होंने कहा कि किसानो के वेश में कुछ दंगाई भी तलवारों लाठियों और घोड़े पर सवार हो कर रैली में देखे गए | उन्हें रैली में आने से पुलिस ने क्यों नहीं रोका | पुलिस प्रशासन ने इतनी ढील क्यों दी | उन्होंने कहा कि किसानों ने शान्ति प्रिय ढंग से रैली निकालने के लिए कहा था लेकिन उनके द्वारा वहां उग्र प्रदर्शन किए गए यहाँ तक की लालकिले पर झंडा भी फहराया गया जो बेहद गलत है | इस घटना से निश्चित रूप से किसान आंदोलन को क्षति पहुंची है |