Farmer Rohit of Kyaratu village made his mark in natural farming till Punjab

क्यारटू गाँव के किसान रोहित ने प्राकृतिक खेती में पंजाब तक बनाई पहचान

प्राकृतिक खेती को लेकर  किसानों  के ज़हन में कई तरह के संशय है। वह मानते है कि प्राकृतिक खेती से फसल अधिक नहीं होती हैऔर उस से फसल में रोग भी पूरी तरह से नष्ट नहीं होते है। लेकिन इन सभी बातों को  क्यारटू गांव के रोहित कौशिक ने पूरी तरह से झुठला दिया है।  रोहित कौशिक चार वर्षों से  प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और न केवल वह खेती कर रहे है बल्कि उनके द्वारा फसलों पर छिड़काव के लिए गौमूत्र आधारित दवाइयां भी तैयार की जा रही है।  जिसकी वजह से जहाँ एक और वह फसल से अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा रहे है वहीँ वह  प्राकृतिक दवाइयों को बेच कर भी लाभ ले रहे है।  वह अपने क्षेत्र में इतने लोक प्रिय किसान बन चुके है कि  उनकी सफलता को देख कर   कृषि विभाग,नौनी विश्वविद्यालय, रेड क्रॉस सोसायटी , कृषि उपज मंडी सोलन से कई बार सम्मानित किया जा चुका है। रोहित हिमाचल के साथ साथ पंजाब के किसानों  का  भी प्राकृतिक  खेती के लिए  मार्गदर्शन कर रहे हैं। 
रोहित कौशिक ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि वह चाहते है कि जिस प्रकार सिक्किम को प्राकृतिक खेती के लिए जाना जाता है उसी तरह से हिमाचल भी अपनी पहचान बनाए।  जिसके लिए वह पिछले चार वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहे है।  वह केवल  प्राकृतिक खेती कर रहे है और अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।  उन्होंने बताया कि फसल में कीटों को भगाने के लिए वह गौ मूत्र युक्त  दवा का इस्तेमाल करते है।  यह दवा स्वास्थ्य सेहत और स्किन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालती है।  उन्होंने कहा कि यह फसल अन्य फसलों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक मूल्य पर बिकती है।  इस लिए सभी किसानों को यह छिड़काव ही करना चाहिए।  उन्होंने कहा कि यह दवा बेहद सस्ती है और  कृषि विभाग  दवा बनाने की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाता है।