हरियाणा के पलवल में एक किसान ने काले गेहूं की खेती की है. रामकिशन नाम के किसान ने अपने एक एकड़ खेत में काले गेहूं को उगाया है. इसकी बाजार में अधिक मांग है और कीमत भी अच्छी मिलती है. ये 6 हजार रुपये क्विंटल बिक रहा है.
रामकिशन का दावा है कि काले गेहूं से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है. इसकी बिजाई भी सामान्य गेहूं की तरह ही की जाती है. इसमें अलग से लागत नहीं लगती है. किसान कम लागत से अधिक फसल का उत्पादन कर सकता है.
रामकिशन के मुताबिक़, काला गेहूं सामान्य गेहूं से अलग होता है. इसकी बालियां सामान्य गेहूं की तरह ही दिखाई देती हैं. लेकिन, इसका बीच काला और लंबा होता है. इससे बनी रोटियां बिल्कुल मुलायत होती हैं और टेस्ट भी अलग होता है.
कृषि विशेषज्ञों की ली गई राय
उन्होंने ये खेती कृषि विशेषज्ञों की राय लेकर ही की है. बिजाई के दौरान केवल गोबर के खाद का प्रयोग किया गया है. वह दावा करते हैं कि काले गेहूं में प्रोटीन की काफी मात्रा पाई जाती है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की क्षमता भी होती है.