सूरजपुर में करीब 27 बीघा भूमि पर किसानों ने धान को खुद तबाह कर दिया। किसानों का कहना है कि रोग लगने से धान की फसल होने की अब बिलकुल भी उम्मीद नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के उपमंडल पांवटा में वायरस की चपेट में आई धान की फसल को मेहनतकश किसानों ने खेतों में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट करना शुरू कर दिया है। सूरजपुर में करीब 27 बीघा भूमि पर किसानों ने धान को खुद तबाह कर दिया। किसानों का कहना है कि रोग लगने से धान की फसल होने की अब बिलकुल भी उम्मीद नहीं है।
पातलियों पंचायत के सूरजपुर, घुतनपुर और ग्राम पंचायत बातामंडी निवासी बलविंद्र सिंह, अनवर अली, बलजीत, अयुब खान, नसीम, नजीर, याकूब, सतार अली, नसीम खान, सलीम अली और बशीर ने बताया कि आसपास के गांवों में धान फसल को रोग लग गया है। पांवटा साहिब में प्रति वर्ष धान की बंपर पैदावार होती रही है लेकिन इस वर्ष सभी किसानों की धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। दिन रात एक करके धान फसल पर मेहनत की थी। वायरस की चपेट में आए धान से किसानों को लाखों की चपत लगी है। फसल खराब होता देख किसान धान की फसल को खेतों में ट्रैक्टर के माध्यम से खुद ही नष्ट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष लगाया जाने वाला बीज 6444 का ही इस्तेमाल किया था लेकिन इस वर्ष फसल खराब हो गई है। कारणों का ही कोई पता नहीं चल पा रहा है। इसलिए गांव घुतनपुर, ग्राम पंचायत बाता मंडी और सूरजपुर गांव के किसानों ने फसल खुद ही नष्ट करने का फैसला लिया है। प्रगतिशील किसान बलविंद्र सिंह ने कहा कि सूरजपुर में 40 बीघा धान फसल नष्ट हो चुकी है।
सोमवार को 15 बीघा फसल को ट्रैक्टर चलाकर खुद ही नष्ट कर दिया है, बाकी मंगलवार को नष्ट कर दिया जाएगा। इस गांव के जसविंद्र सिंह ने भी 12 बीघा भूमि पर धान की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान पूरी तरह हताश हैं। किसानों का पूरा परिवार खेती-बाड़ी पर निर्भर करता है। किसानों का कहना है कि प्रशासन और सरकार की ओर से केवल आश्वासन ही मिले हैं। किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, अन्यथा किसानों को एक बार फिर अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा।