2022-09-07
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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में अपनाया है। हिमाचल प्रदेश में कृषि विभाग और विभिन्न विश्वविद्यालयों ने मोटे अनाज की खेती के विकास और विस्तार के लिए विशेष पहल की है। राज्यपाल ने कहा कि मोटे अनाज की खेती पोषण संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत हो सकता है। मौसम की परिस्थितियों की दृष्टि से भी इसकी खेती काफी अनुकूल रहती है। किसान अकसर सीमांत भूमि पर ही मोटे अनाज की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि खेती की लागत कम करने, जहरीले उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग न करके पर्यावरण मित्र खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के किसानों ने पहले ही बड़े पैमाने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। इस अवसर पर चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने राज्य में मोटे अनाज के उत्पादन के इतिहास के बारे में विस्तार से प्रस्तुति दी।
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