कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), सोलन ने गुरुवार को ममलीग में भोजन और पोषण पर ‘किसान गोष्ठी’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 72 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर ममलीग पंचायत के प्रधान हरिचंद मुख्य अतिथि रहे।
अपने संबोधन में केवीके, सोलन के प्रभारी डॉ. जितेंद्र कुमार चौहान ने फल फसलों के पोषण मूल्य के बारे में बताया और उन फलों के बारे में बताया जो क्षेत्र में उगाई जा सकती हैं। डॉ. आरती शुक्ला ने मशरूम के पोषण मूल्य पर व्याख्यान दिया और ढिंगरी और बटन मशरूम की उत्पादन तकनीक के बारे में बताया। डॉ. अनुराग शर्मा ने शहद की पोषण के बारे में बात की। किसानों को कीटनाशकों के न्यायिक उपयोग के बारे में भी शिक्षित किया गया और कीट नियंत्रण के वैकल्पिक तरीकों को अपनाने का आग्रह किया।
किसानों के फसल संबंधी प्रश्नों का भी वैज्ञानिकों ने मौके पर समाधान किया। किसानों द्वारा लाए गए रोगग्रस्त और कीट-ग्रस्त नमूनों का भी निरीक्षण कर समाधान सुझाए गए। स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रधान ने केवीके के वैज्ञानिकों का धन्यवाद दिया और किसानों से विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में कृषि और बागवानी की नवीनतम तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।
स्थानीय किसानों द्वारा उगाए गए फलों और सब्जियों की एक प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों का चयन किया गया और उन्हें नकद पुरस्कार दिए गए। ग्राम बशील के देशराज और प्रेम सिंह ने क्रमश: प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि नेरी गांव के रोशन लाल ने तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा तीन सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए।