हिमाचल प्रदेश में कम बारिश होने से सोलन के किसानों को 22 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदेश भर में इस सीजन में सबसे कम बारिश सोलन ज़िले में हुई। यहां गेहूं, शिमला मिर्च, मटर, टमाटर सभी फसलों को नुक्सान पहुंचा है। हैरानी की बात यह है कि सरकार की ओर से इस पर कोई राहत किसानों को अब तक नहीं मिली है
21000 में से 2000 हेक्टेयर में गेहूं की फसल बर्बाद
बता दे कि सोलन जिला के ऊपरी इलाकों में जहां शिमला मिर्च, टमाटर आदि अधिक लगाया जाता है। वहीं बद्दी, बरोटीवाला जैसे समतल इलाकों में गेहूं आदि भारी मात्रा में उगाया जाता है। जिला में 21300 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बीजाई होती है। इस बीच मौसम में असंतुलन होने से अकेले गेहूं किसानों को 2000 हेक्टेयर में लगभग डेढ़ करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ा. वहीं मटर को थोड़ी बारिश से लाभ ज़रूर हुआ लेकिन पिछले दिनों बारिश से पड़े ओलों से मटर की फलियों में दाग लगा। ऐसे में उसे मंडियों में बेचना मुश्किल हो गया था।
सोलन के किसान मायूस: 20 से 22 करोड़ का नुक्सान
कृषि विभाग के उपनिदेशक डीपी गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि बारिश इस बार असंतुलित रही। जिससे किसानों को कुल मिलाकर 20 से 22 करोड़ का नुक्सान आँका गया है। ऐसे में विभाग ने इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंप दी है। अगर सरकार से कोई राहत आएगी। तो ज़रूरत किसानों तक पहुंचाई जायेगी। आखिर में सरकार ही किसानों के नुक्सान की भरपाई पर फैसला लेगी।
ज़िले में कम बारिश से किसान एक बार फिर मायूस हैं। जहां कहीं बारिश हुई तो साथ में ओले भी पड़ गए। ऐसे में किसानों के पास सरकार से मिलने वाली राहत राशि ही आखिरी उम्मीद है. देखना यह होगा कि क्या सरकार किसानों की फसल का कोई उचित मूल्य लगा पाती है या नहीं। क्या उन्हें सरकार राहत के रूप में उचित राशि या मदद दे पाती है या नहीं।