मोटे अनाज की और कम दिखा किसानों का रुझान: जे पी चौहान

केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा मोटे अनाज की और किसानों को जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके चलते जिला सोलन में भी अब मोटे अनाज की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है मोटा अनाज को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जस्ता आदि से भरपूर इन अनाजों को सुपरफूड भी कहा जाता है। ज्वार, बाजरा, रागी (मडुआ), मक्का, जौ, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, लघु धान्य या कुटकी, कांगनी और चीना जैसे अनाज मिलेट्स यानी मोटा अनाज होते हैं। इनके सेवन से हमारी सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं।मोटा अनाज में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में नियमित तौर पर मोटा अनाज खाने से हाई बीपी और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा काफी कम हो जाता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल भी कम होता है।

कृषि विभाग सोलन के विषय बाद विशेषज्ञ डॉक्टर जेपी चौहान ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि ब्लॉक सोलन में भी मोटे अनाज का बीज पहुंच  चुका है जिसमें किसानों को ₹30 प्रति किलो की सब्सिडी के साथ बाजरा कोदा और कंगनी का बीज किसानों में वितरित किया  जा रहा है।