पंजाब हरियाणा के किसानो की तर्ज पर अब हिमाचल के किसान भी केंद्र सरकार द्वारा किसानो के लिए बनाए गए तीन कानूनों का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए है | हिमाचल किसान सभा के किसानों ने तीनों कानूनों के विरोध का बिगुल फूंक दिया है | पहले यह विरोध कुछ राज्यों में ही हो रहा था लेकिन अब इसकी चिंगारी भाजपा शाषित प्रदेश हिमाचल में भी लग चुकी है | अगर यह विरोध यहाँ भी पंजाब हरियाणा की तरह ज़्यादा होता है तो प्रदेश के मुखिया को भी मुश्किल हो सकती है | इस विरोध प्रदर्शन में कोविड के चलते बेहद कम किसानों ने भाग लिया है लेकिन उन्होंने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को इस विरोध प्रदर्शन को केवल एक सांकेतिक विरोध करार दिया है | उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की बात केंद्र सरकार नहीं मानेगी तो वह आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन करेंगे |
किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जो क़ानून किसानो के लिए बनाए है वह उन्हें कतई मंजूर नहीं है उन्होंने कहा कि इन तीन कानूनों की वजह से किसान सड़को पर आ जाएगा उन्हें उनकी फलस का उचित दाम नहीं मिलेगा | केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के सहयोग के लिए यह क़ानून बनाए है वह भंडारण भी करेंगे कॉट्रेक्ट फार्मिंग भी करेंगे और किसान उनके केवल गुलाम बन कर रह जाएंगे | उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने किसानो की मांगों को स्वीकार नहीं किया तो वह भी पंजाब हरियाणा के किसानों की तरह सड़कों पर उतरेंगे और दिल्ली तक पहुंचेंगे | लेकिन वह किसी भी हालत में किसानों का शोषण नहीं होने देंगे |