हाल ही में कृषि विज्ञान केंद्र सोलन में जल संरक्षण और विभिन्न प्रकार की सूक्ष्म सिंचाई पर पांच
दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. उदय शर्मा ने बताया
कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोलन जिला के बागवानी उप निदेशक द्वारा कुनिहार ब्लॉक के
30 किसानों को प्रायोजित किया गया था।
डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रतिभागियों को विभिन्न फलों और सब्जियों में जल संरक्षण और सूक्ष्म
सिंचाई के बारे में अवगत करवाया गया। प्रशिक्षण के दौरान फलों और सब्जियों में विभिन्न प्रकार
की मल्चिंग की भूमिका, कम लागत वाले फार्म टैंक का निर्माण, ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन,
प्राकृतिक खेती, फूलों और सब्जियों की संरक्षित खेती जैसे कई विषयों पर भी प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण की सह समन्वयक डॉ. आरती शुक्ला ने मशरूम की खेती और रोग प्रबंधन पर विस्तृत
जानकारी दी, जबकि हरजीत सिंह, उप प्रबंधक इफको ने नैनो डी॰ए॰पी॰ जैसी नई उर्वरक सामग्री के
उपयोग पर बात की। डॉ. जेके चौहान, प्रभारी केवीके सोलन ने निम्न और मध्यम पहाड़ियों के लिए
कम पानी की आवश्यकता वाले गुठलीदधार फलों की महत्वपूर्ण किस्मों के बारे में बताया। उन्होंने
फसलों के उचित रासायनिक प्रबंधन विषय पर बात की। डॉ. सीमा ठाकुर और डॉ राजेश ठाकुर ने
सब्जियों और फूलों की फसलों की वैज्ञानिक खेती पर प्रदर्शन किया।
किसानों ने ड्रिप सिंचाई, कम लागत वाले जल संचयन, हाइड्रोपोनिक्स और मल्चिंग जैसी विभिन्न
तकनीकों के प्रदर्शन के लिए मशोबरा स्टेशन और डॉ वाईएस परमार औदयानिकी और वानिकी
विश्वविद्यालय, नौणी का भी दौरा किया।