डॉ यशवंत सिंह परमार औदयनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास
परियोजना के तहत किसानों के समग्र विकास की दिशा में कार्य कर रहा है। अनुसंधान और उत्पादकों को
प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में इस परियोजना को
कार्यान्वित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग ने हाल ही में जिला सिरमौर में बागवानी विकास परियोजना के तहत
सेर और शिमोगा में स्थापित सेब क्लस्टर में किसानों के लिए दो फील्ड प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ राकेश कुमार, डॉ पीएल शर्मा, डॉ प्रमोद वर्मा और डॉ नितेश शर्मा इन प्रशिक्षण
के दौरान विशेषज्ञ रहे।
सेब में वूली एफिड, बोरर, माइट्स जैसे कीटों की पहचान के लिए प्रस्तुतियां दी गईं। सेब में विभिन्न कीट
प्रबंधन विधियों और कनोपी प्रबंधन की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। प्रशिक्षण
के दौरान मधुमक्खियों और अन्य जंगली परागकों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान
सुरक्षित रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल, बायोप्रोडक्ट्स और कीटनाशकों के सही उपयोग के बारे
में भी जानकारी दी गई।
बागवानी विकास अधिकारी डॉ गीतम शर्मा और बागवानी विस्तार अधिकारी डॉ प्रीत प्रतिमा ने इन शिविरों में
किसानों को इस परियोजना के तहत चल रही योजनाओं की जानकारी दी। कीट नियंत्रण और सेब के पौधों की
पृनिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। किसानों द्वारा अपनाई जा रही गलत पृनिंग तकनीकों को सुधारने
के लिए सिफारिशें दी गईं।