Yashwant Singh Parmar made Himachal, then Raja Virbhadra Singh developed it: Mahendra Nath Sofat

किसानों का दिल्ली मार्च , दिल्ली पहुंच करना चाहते है किसान बिलों का विरोध: महेंद्र नाथ सोफत

हजारों की संख्या मे किसान दिल्ली के लिए मार्च कर रहे है। वह किसान बिलों के खिलाफ जतंर मतंर पर धरना देना चाहते है। जब से यह बिल पारित किये गये है किसानों के संगठन इनका विरोध कर रहे है। हम किसान को अपना अन्नदाता मानते है। भारत मे समाज का बहुमत आज भी अपना जीवनयापन किसानी के माध्यम से करता है। याद करें वह समय जब हमें अनाज के लिए विदेशों पर निर्भर होना पड़ा था। देश के उस समय के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को देश से एक समय का खाना न खाने की अपील करनी पड़ी थी और देशवासियों ने उनकी अपील को सहर्ष स्वीकार भी किया था ।

शास्त्री जी ने ही देश को “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। आज हम अनाज के लिए पुरी तरह आत्म निर्भर है। मै आज इस बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि यह बिल किसान के हक मे है या नहीं, क्योंकि सरकार इसे किसानों के पक्ष मे बताते हुए इसे किसानों के लिए गेम चेंजर होने का दावा कर रही है। दुसरी ओर किसान जंतर मंतर पर इन बिलों के खिलाफ धरना देने के लिए कूच कर रहे है। मेरा यह तो जरूर मानना है कि जब सरकार इसे किसानों के हित मे एक बड़ा फैसला मानती है तो यह सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह किसानों से बात करे और उन्हें समझायें कि यह बिल किस प्रकार से किसानों के हित मे है। इससे पहले भी किसानों को बातचीत के लिए बुलाया गया था, परन्तु वह बातचीत इसलिए फेल हो गई थी क्योंकि उस बातचीत मे कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र तोमर शामिल नहीं हुए थे। इस बार भी उन्हे कृषि मंत्री जी की ओर से बातचीत के लिए तीन दिसंबर का समय दिया जा रहा है।

दुसरी ओर पुलिस ने किसानों को दिल्ली बार्डर पर रोक रखा है और मिडिया का कहना है कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस बल का प्रयोग कर रही है। मेरा आदरणीय कृषि मंत्री जी से प्रश्न है कि उनकी किसानों से बातचीत से अधिक और क्या प्राथमिकता हो सकती है। उन्हे अपनी सारी व्यस्तताओं मे से समय निकाल कर तुरंत किसान नेताओ से बातचीत करनी चाहिए। उनका मंत्रालय किसानों के कल्याण के लिए ही बनाया गया है।

आज इतना ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलेंगे।

– मोहिंद्र नाथ सोफत (सोलन)