Agriculture News In India : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित बीएचयू कृषि विज्ञान केंद्र ने खेतों में फसलों की सिंचाई के लिये अत्याधुनिक ड्रोन का निर्माण किया गया है। इस ड्रोन से किसान कम समय में दवा व खाद का छिड़काव कर सकेंगे।
समय की होगी बचत, फसलों की दोगुनी होगी पैदावार
मिर्जापुर जिले के बरकछा के बीएचयू में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा 10 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक ड्रोन का निर्माण किया गया है। ड्रोन तकनीक से महज 15 मिनट में एक एकड़ भूमि पर खाद, कीटनाशक या फिर दवा का छिड़काव किया जा सकेगा। फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिये केंद्र सरकार लगातार नई तकनीक एजात कर रही है। अत्याधुनिक ड्रोन सभी प्रकार की खेती के लिए फायदेमंद है।
किसानों की लागत में आएगी कमी
किसान ड्रोन तकनीक का प्रयोग करके नैनो यूरिया का भी छिड़काव कर सकेंगे। इससे किसानों का आय भी बढ़ेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा निःशुल्क ड्रोन किसान को उपलब्ध कराया जाएगा। इस ड्रोन का वजन 14.5 किलो ग्राम है। ड्रोन के नीचे के बॉक्स बना होता है। इस बॉक्स में कीटनाशक या खाद रख सकते है। कम पानी और कम खर्च में किसान खेतों में छिड़काव कर सकेंगे। इस तकनीक के प्रयोग से किसानों की लागत में भी काफी कमी आएगी।
ऊपर से छिड़काव फसलों के लिए होता है लाभकारी
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ श्रीराम सिंह ड्रोन से किसान एक एकड़ खेत में कीटनाशकों, वाटर सॉल्युबल उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का अब कम समय में किसान छिड़काव कर सकेंगे। इससे उनके समय के साथ संसाधन भी बचेगा। ड्रोन तकनीक से ऊपर से छिड़काव होता है जो कि फसलों के लिये ज्यादा फायदेमंद होता है। मैनुवल से ज्यादा लाभकारी ऊपर से छिड़काव करने में होता है।
किसान नैनो यूरिया का कर सकते है प्रयोग
खेतों में छिड़काव के लिये किसान नैनो यूरिया का प्रयोग कर सकते है। इफको द्वारा दानेदार खाद से इतर हटकर नैनो यूरिया बनाया है। एक बोतल नैनो यूरिया एक बोरी खाद के बराबर खेतों में फसलों के पैदावार बढ़ाने में काम करता है। पांच सौ एमएल की एक बोतल एक एकड़ जमीन के लिये पर्याप्त है। नैनो यूरिया के 4 एमएल प्रति लीटर पानी की दर से घोल तैयार करके फसलों में छिड़काव कर सकते है। ड्रोन तकनीक में इसी यूरिया का इस्तेमाल किया जाएगा। नैनो यूरिया पूरी तरह से प्रदूषण रहित है।