पिछले 8 साल से विजयपाल के खेतों में खजूर पैदा हो रहा है. हर बीघा खजूर ₹1.25 लाख के हिसाब से 18 बीघे में सालाना 22 लाख की कमाई दे देता है.
नई दिल्ली: राजस्थान के रहने वाले विजयपाल गोदारा अपने खेत में खजूर की खेती के साथ कई अन्य फसलों की खेती कर इलाके के किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं. विजयपाल गोदारा ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि खजूर के पेड़ लगाने के बाद शुरुआत में 2 साल उसकी काफी देखभाल करने की जरूरत पड़ती है. इसके बाद जब धीरे-धीरे पेड़ बड़े होने लगते हैं फिर उसकी देखभाल की जरूरत कम पड़ती है. खजूर का पेड़ लगाए अब गोदारा को 8 साल से अधिक का वक्त हो गया है और खजूर के पेड़ से फल आने लगे हैं. विजयपाल अपने खेत के खजूर को तैयार कर मार्केट में ₹200 किलो तक के भाव पर बेच रहे हैं.
साल 2009 से विजयपाल खजूर की खेती कर रहे हैं. 2014 से उनके खेतों में खजूर का प्रोडक्शन शुरू हो गया. पिछले 8 साल से विजयपाल के खेतों में खजूर पैदा हो रहा है. हर बीघा खजूर ₹1.25 लाख के हिसाब से 18 बीघे में सालाना 22 लाख की कमाई दे देता है.
विजयपाल ने कहा कि इस समय देश में खजूर की बहुत कम खेती हो रही थी. खजूर की खेती की सबसे खास बात यह है कि शुरुआत में 2 साल की मेहनत के बाद इस पौधे को अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती. विजयपाल के 18 बीघे खेत में 750 खजूर के पेड़ हैं, इसमें कई वैरायटी के खजूर हैं.
18 बीघे खेत में खजूर के 750 पेड़ के अलावा विजयपाल ने लेमनग्रास या मक्के की खेती की हुई है. खजूर की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है. विजयपाल ने कहा कि आपके यहां का पानी मीठा हो या खाड़ा हो या कम हो-अधिक हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
इंटर क्रोपिंग की मदद से विजयपाल साल में एक बीघा खेती से 1.5 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं. खजूर के पेड़ में कोई बीमारी नहीं लगती, इस वजह से किसान निश्चिंत होकर इसकी खेती कर सकते हैं. लेमन ग्रास की खेती से भी विजय पाल को काफी कमाई हो रही है. इसके साथ ही वह इंटर क्रोपिंग के जरिए मक्का-या बाजरा आदि की फसल भी उगा लेते हैं.