Bareilly Road Accident: तेज ब्रेक लगाए…स्पीड में डिवाइडर से टकराई कार, टायर फटने के बाद ट्रक से भिड़ी, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया आंखों देखा हाल

बरेली में बड़ा बाईपास पर बेतरतीब ढंग से बने डिवाइडर को उस हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है जिसमें पांच दोस्तों की जान चली गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि कट के दोनों ओर डिवाइडर एक सीध में न होने की वजह से ही कार डिवाइडर चढ़ गई। डिवाइडर से टकराने से ही उसका टायर फटा। अहलादपुर के लालपुर चौराहे पर जहां हादसा हुआ, वहां डिवाइडर पर कट है। कट के इधर-उधर डिवाइडर के दोनों सिरे आमने-सामने एक सीध में नहीं हैं बल्कि उनके बीच करीब डेढ़ मीटर का फर्क है। पुलिस दावा कर रही है कि कार टायर फटने के बाद डिवाइडर पर चढ़ी थी लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि तेज रफ्तार से दौड़ रही कार के सामने अचानक डिवाइडर आया तो ड्राइवर कार को संभाल नहीं पाया। उसने तेज ब्रेक लगाए लेकिन कार काफी स्पीड में डिवाइडर से टकराई। इससे उसका एक टायर फट गया और वह दूसरी लेन में जाकर सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई।

पुलिस ने बताया कि जिस ट्रक से टकराकर कार में सवार पांच दोस्तों की मौत हुई, वह पंजाब का है और रेफकॉन कोल्ड चेन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम रजिस्टर्ड है। ट्रक को पुलिस ने कब्जे में लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया है। ट्रक में काफी मात्रा में दूध भरा हुआ है। यह नहीं पता चल पाया ट्रक कहां से कहां जा रहा था।

फतेहगंज पश्चिमी में भी हादसे की यही थी वजह
फतेहगंज पश्चिमी के शंखा पुल के पास भी 31 मई को डिवाइडर को पार कर एंबुलेंस ट्रक से टकरा गई थी। इस हादसे में भी एंबुलेंस ड्राइवर मेंहदी हसन समेत एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग ब्लड कैंसर पीड़िता समीरन को लेकर दिल्ली से लौट रहे थे।
फतेहगंज पश्चिमी के शंखा पुल के पास भी 31 मई को डिवाइडर को पार कर एंबुलेंस ट्रक से टकरा गई थी। इस हादसे में भी एंबुलेंस ड्राइवर मेंहदी हसन समेत एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग ब्लड कैंसर पीड़िता समीरन को लेकर दिल्ली से लौट रहे थे।
इस हादसे की वजह भी पुलिस ने एंबुलेंस ड्राइवर को झपकी आना बताई थी, लेकिन अगले दिन आए यातायात निदेशालय के एएसपी बलवंत कुमार चौधरी और दिल्ली की सेवलाइफ फाउंडेशन के प्रभारी अभिजीत की जांच में साफ हुआ कि एएनए रोड का अंधा मोड़ इस हादसे की वजह बना था।
गंभीरता से निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों को माधोपुर निवासी एक युवक ने बताया था कि घटना के समय एक कार एएनए रोड से अचानक हाईवे पर आई थी। उसे देखकर एंबुलेंस ड्राइवर भ्रमित होकर एंबुलेंस पर संतुलन खो बैठा। एंबुलेंस डिवाइडर पार कर दूसरी लेन में आ रहे मिनी ट्रक से टकरा गई।

परिवार वालों को ही करना पड़ा एंबुलेंस का इंतजाम
हादसे के बाद घटनास्थल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक मृतकों के परिवार वालों को सारा इंतजाम खुद करना पड़ा। मृतकों के परिवार के लोगों ने बताया कि दूसरी कार से पीछे आ रहे दोस्तों ने ही सारे शवों को अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया। पोस्टमार्टम हाउस से घर लौटने के लिए भी खुद एसी एंबुलेंस बुक की।
हादसे के बाद घटनास्थल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक मृतकों के परिवार वालों को सारा इंतजाम खुद करना पड़ा। मृतकों के परिवार के लोगों ने बताया कि दूसरी कार से पीछे आ रहे दोस्तों ने ही सारे शवों को अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया। पोस्टमार्टम हाउस से घर लौटने के लिए भी खुद एसी एंबुलेंस बुक की।
पीड़ितों ने कहा कि वे सक्षम है इसलिए एंबुलेंस समेत सारे इंतजाम कर लिए लेकिन तंगहाल लोगों के लिए यह हालात काफी दिक्कत भरे होते होंगे। उन्होंने उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि वहां दस मिनट के अंदर 108 एंबुलेंस स्पॉट पर पहुंच जाती है।