20 फरवरी 2017 को दर्ज मामले के मुताबिक आकाश ने कुरकुरे देने के बहाने से सात वर्षीय बच्ची को अपने साथ ले जाकर जघन्य दुष्कर्म किया और उसके बाद नृशंसता से उसकी हत्या कर दी। मेडिकल अफसर डॉ. पीयूष कपिला की ओर से किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी के टुकड़े डाल दिए थे।
अदालत ने दोषी आकाश (23) निवासी गांव हंसोलिया, पीओ संधोली, तहसील बिलग्राम, जिला हरदोई, उत्तर प्रदेश को आईपीसी 302 और पोक्सो एक्ट की धारा 6 व 10 के तहत फांसी की सजा दी है। जिला न्यायवादी मोहिंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि जिला सोलन के बद्दी थाने में 20 फरवरी 2017 को दर्ज मामले के मुताबिक आकाश ने कुरकुरे देने के बहाने से सात वर्षीय बच्ची को अपने साथ ले जाकर जघन्य दुष्कर्म किया और उसके बाद नृशंसता से उसकी हत्या कर दी। मेडिकल अफसर डॉ. पीयूष कपिला की ओर से किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी के टुकड़े डाल दिए थे। इससे मासूम की आंतें तक बाहर आ गई थीं, जिससे उसकी मौत हो गई।
इन धाराओं में अलग-अलग सजा
अदालत ने दोषी आकाश को आईपीसी 302 में कसूरवार ठहराते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की सूरत में छह माह के अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई है। इसके अलावा पोक्सो एक्ट की धारा 6 तथा 376 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 25 हजार जुर्माना किया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, अदालत ने दोषी पर 12.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि हर्जाने के तौर पर मृतक बच्ची के परिजनों को देने के आदेश दिए हैं।
मामले की जांच और पैरवी में इनकी रही भूमिका
वर्तमान में विशेष लोक अभियोजक सुनील दत्त वासुदेवा ने सरकार की ओर से इस मामले की पैरवी की, जबकि मामले की जांच तत्कालीन एसआई बहादुर सिंह ने की है, जो इन दिनों सीआईडी शिमला में बतौर इंस्पेक्टर तैनात हैं। दोषी को सजा दिलाने में तत्कालीन सहायक लोक अभियोजक नालागढ़ अनुज वर्मा, तत्कालीन सहायक न्यायवादी नालागढ़ एवं वर्तमान सहायक लोक अभियोजक संदीप शर्मा, पब्लिक प्रोसीक्यूटर सोलन संजय चौहान तथा तत्कालीन डीएसपी नालागढ़ खजाना राम व इंस्पेक्टर रीता की अहम भूमिका रही।