देश में सड़कों पर तेजी से हो रहा काम, इस साल बनेंगे 12,500 किलोमीटर हाईवेज, जानिए क्या है सरकार का प्लान

Upcoming Expressway in India : भारत में तेजी से राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। इस साल देश में 12,500 किलोमीटर राजमार्गों के निर्माण की योजना है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य रखा है। ये NHAI और NHIDSL के जरिये विकसित किये जाते हैं।

नई दिल्ली : इस साल देश में 12,500 किलोमीटर राजमार्गों का विकास और निर्माण होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य पाने की योजना बनाई है। मंत्रालय में सचिव अलका उपाध्याय ने बुधवार को कहा, ‘वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मंत्रालय ने 12,500 किलोमीटर लंबे राजमार्गों के निर्माण और 12,000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों के विकास की परियोजनाएं आवंटित करने का लक्ष्य रखा है।’ उन्होंने कहा, ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राजमार्गों के विकास की रफ्तार को कायम रखने के लिए योजनाएं बनाई हैं। इस क्रम में वित्त वर्ष 2023-24 में बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना भी शामिल है।’

मंत्रालय ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में बनाए गए राजमार्गों का अभी ब्योरा नहीं जारी किया है। इसके पहले वित्त वर्ष 2021-22 में उसने 10,457 किलोमीटर, वर्ष 2020-21 में 13,327 किलोमीटर और वर्ष 2019-20 में 10,237 किलोमीटर राजमार्ग बनाए थे।

NHAI और NHIDSL द्वारा बनाए जाते हैं एक्सप्रेसवे

देश में राजमार्गों एवं एक्सप्रेसवे का विकास मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (NHAI) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (NHIDSL) के जरिये किया जाता है। उपाध्याय ने नई राजमार्ग परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने में इनविट के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर कहा, ’28 फरवरी, 2023 तक दो चरणों में इनविट के जरिये 10,200 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। अप्रैल में इनविट का तीसरा चरण लाया जाएगा जिससे 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।’

किया जा रहा विश्वस्तरीय मानकों का पालन

उपाध्याय ने कहा कि नवनिर्मित राजमार्गों पर वाहनों को लेन में चलने के लिए साइन-बोर्ड और रोड मार्किंग के विश्वस्तरीय मानकों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर वैश्विक मानकों के अनुरूप साइन-बोर्ड एवं रोड मार्किंग को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आगे चलकर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी इन मानकों को लागू करने की योजना है।’