बचपन में गुज़र गए पिता, मां ने मोमो बेचकर पाला, बेटी हॉकी में अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम कर रही है

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आयरलैंड में होने वाली यूनीफर U-23 फाइव नेशनल हॉकी टूर्नामेंट में जूनियर इंडियन महिला टीम ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए उपविजेता का ख़िताब हासिल किया है. इस दौरान लखनऊ की बेटी हिना बानो, जो मिड फील्ड और फॉरवर्ड पोजीशन पर खेलती हैं, उन्होंने टूर्नामेंट के पांच मैचों में देश के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया. टीम को यह मुकाम दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाई हिना ने. 

भारत का झंडा आयरलैंड में लहराने वाली हिना 19 जून से शुरू हुई इस हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा थीं. टीम इस टूर्नामेंट में उपविजेता रही. भारतीय टीम के खिलाड़ी वतन वापस आ चुके हैं. हिना भी अपने परिवार से मिलकर काफी खुश हैं. 

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बचपन में ही पिता गुजर गए

हिना के पिता बचपन में ही गुजर गए थे. उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन का श्रेय अपनी मां और नाना व मामा को दिया है. बाप का साया सिर से उठने के बाद हिना के परिवार में कई तरह की परेशानियां आईं. हिना और उनकी मां की देखभाल उनके नाना ने करने का फैसला लिया. 

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मां मोमो बेचकर चलाती थी घर

पिता के गुजरने के बाद हिना की मां ने मोमो बनाकर बेचना शुरू कर दिया. उससे मिलने वाले पैसों से वह अपना और अपनी बेटी का पालन-पोषण करने लगीं. उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. आज उनकी बेटी ने उनका ही नहीं पूरे देश का सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है. 

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रिश्तेदारों ने विरोध किया, लेकिन…

हिना एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान बताती हैं कि भारत के लिए खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने के बाद लोग उन्हें पहचानने लगे हैं. बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. जूनियर हॉकी टीम में चयन होने पर परिवार और रिश्तेदार के कुछ लोगों ने उन्हें भेजने के लिए विरोध भी किया. लेकिन, मेरे नाना उजागर अली और चारों मामा ने उनका सपोर्ट किया. उन्हें भेजने का प्रबंध किया. आज जो कुछ भी हूं उनकी वजह से हूं.