BCCI ने आईसीसी अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप (ICC under-19 Women World Cup) के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है. जिसमें यूपी के उन्नाव जिले की रहने वाली अर्चना देवी का नाम भी शामिल है. अर्चना के लिए यहां तक का सफर बेहद खास है. दरअसल, उन्होंने गरीबी और मुफलिसी से निकलकर क्रिकेटर बनने का सपना देखा, संघर्ष किया और अब विश्व कप में अपनी प्रतिभा दिखाएंगीने के बेताब हैं.
बचपन में पिता चल बसे थे, मां ने खेत में काम कर बड़ा किया
अर्चना उन्नाव जिले के पुरवा गांव की रहने वाली हैं. बचपना में ही पिता का साया उनके सिर से उठ गया. घर आर्थिक संकट से जूझने लगा. लेकिन अर्चना को क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था. साल 2017 में उनके छोटे भाई की सांप काटने से मौत हो गई. अर्चना के लिए उस ग़मगीन माहौल से निकलना आसान नहीं था. उनका परिवार खेती पर निर्भर था, बड़ी मुश्किल से दो वक़्त की रोटी नसीब होती थी.
अर्चना के परिवार की हालत इतनी खराब थी कि क्रिकेट अकादमी तो दूर की बात है, वो उसकी स्कूल फीस भी बड़ी मुश्किल से जमा कर पाते थे. खैर, अर्चना कस्तूरबा गांधी स्कूल में किसी तरह पढ़ने लगीं. यहीं से उनके अंदर खेल को लेकर दिलचस्पी बढ़ी. तब एक स्कूल टीचर ने उनकी खेल रूचि को देखते हुए उन्हें कानपुर की क्रिकेट अकादमी में भेजने का फैसला किया.
भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने भी की मदद
अर्चना की टीचर पूनम गुप्ता ने उन्हें कानपुर की अकादमी में न सिर्फ दाखिला करवाया बल्कि क्रिकेट की किट भी दिलाई. अकादमी में अर्चना की फीस माफ़ कर दी गई थी. इसी अकादमी के कोच कपिल ने उनकी काबलियत को निखारा, जो भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव के भी कोच रहे हैं.
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार अर्चना बताती हैं कि कपिल सर की अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान वे कई बार कुलदीप यादव से मिलीं. उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा. कुलदीप ने अर्चना को अपने खेल पर ध्यान लगाने , और अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने की सलाह दी. जिस पर अर्चना ने खूब मेहनत भी किया. जिसका फल भी अर्चना को मिला.
उन्हें अब 14 से 29 जनवरी को होने वाली अंडर-19 महिला विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है. जो साउथ अफ्रीका में खेला जाएगा. जिसमें 16 टीमें हिस्सा लेंगी. भारत का प्रतिनिधत्व करते हुए अर्चना भी अपनी काबलियत का जलवा दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगी.