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ICC अंडर-19 विमेंस वर्ल्ड कप जीतकर भारत की बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है. भारतीय टीम की खिताबी जीत में जिन युवा खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई, उनमें एक नाम उन्नाव के बांगरमऊ रतईपुरवा गांव की रहने वाली ऑलराउंडर गेंदबाज अर्चना देवी का भी है. इंग्लिश टीम के खिलाफ गेंदबाजी में कहर बरपाने के बाद अर्चना ने एक ऐसा कैच लपका जो क्रिकेट फैन्स को लंबे वक्त तक याद रहेगा.
U19 WCup Final में एक हाथ से उड़ते हुए पकड़ा कैच
पार्शवी चोपड़ा के 12वें ओवर की पहली ही गेंद पर अर्चना सुपरमैन की तरह कैच पकड़ा, और सबका दिल जीत लिया. इस शानदार कैच को देखकर हर कोई उनकी तारीफ़ कर रहा है, इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. अर्चना ने गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने 3 ओवरों में 17 रन, और 2 विकेट (ग्रेस स्क्रीवेंस, निआम्ह हॉलैंड) चटकाएं, और भारत की जीत आसान की.
बचपन में पिता चल बसे थे, मां ने खेत में काम कर बड़ा किया
अर्चना उन्नाव जिले के पुरवा गांव की रहने वाली हैं. बचपना में ही पिता का साया उनके सिर से उठ गया. घर आर्थिक संकट से जूझने लगा. लेकिन अर्चना को क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था. साल 2017 में उनके छोटे भाई की सांप काटने से मौत हो गई. अर्चना के लिए उस ग़मगीन माहौल से निकलना आसान नहीं था. उनका परिवार खेती पर निर्भर था, बड़ी मुश्किल से दो वक़्त की रोटी नसीब होती थी.
स्कूल टीचर और किक्रेट कोच ने अर्चना को निखारा
Jagran
अर्चना के परिवार की हालत इतनी खराब थी कि क्रिकेट अकादमी तो दूर की बात है, वो उसकी स्कूल फीस भी बड़ी मुश्किल से जमा कर पाते थे. खैर, अर्चना कस्तूरबा गांधी स्कूल में किसी तरह पढ़ने लगीं. यहीं से उनके अंदर खेल को लेकर दिलचस्पी बढ़ी. तब एक स्कूल टीचर ने उनकी खेल रूचि को देखते हुए उन्हें कानपुर की क्रिकेट अकादमी में भेजने का फैसला किया. अर्चना की टीचर पूनम गुप्ता ने उन्हें कानपुर की अकादमी में न सिर्फ दाखिला करवाया बल्कि क्रिकेट की किट भी दिलाई. इसी अकादमी के कोच कपिल ने उनकी काबलियत को निखारा, जो भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव के भी कोच रहे हैं.
U-19 World Cup स्टार बनीं Archana Devi
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार अर्चना बताती हैं कि कपिल सर की अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान वे कई बार कुलदीप यादव से मिलीं. उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा. कुलदीप ने अर्चना को अपने खेल पर ध्यान लगाने , और अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने की सलाह दी. जिस पर अर्चना ने खूब मेहनत भी किया. जिसका फल भी अर्चना को मिला. उन्हें 14 से 29 जनवरी को होने वाले अंडर-19 महिला विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है. साउथ अफ्रीका में खेले गए इस टूर्नामेंट में अर्चना से जो उम्मीदें थीं, उसमें वो खरी उतरी और भारत को विश्वकप विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई.