पिता चलाते थे टैक्सी, क्रिकेट के लिए मार पड़ी, गांव का लड़का मुकेश कैसे बना टीम इंडिया का हिस्सा?

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भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए टी-20 सीरिज को 2-1 से जीत लिया है. अब दोनों टीमों के बीच एकदिवसीय सीरिज खेली जानी है. 6 अक्टूबर को भारत और साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला वनडे मैच खेला जाएगा. जिसके लिए टीम का एलान हो चुका है. टीम में बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाले मुकेश कुमार को भी भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिली है. 28 वर्षीय मुकेश कुमार बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. उनकी तेज गेंदबाज ने क्रिकेट के दिग्गजों को प्रभावित किया और अब मुकेश कुमार भारत के लिए खेलेंगे. क्या है मुकेश की कहानी. गांव के लड़के ने टीम इंडिया तक के सफर को कैसे तय किया?

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पिता चलाते थे टैक्सी

मुकेश कुमार बिहार में गोपालगंज जिले के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले हैं. वह एक गरीब परिवार से आते हैं. उन्हें बचपन से क्रिकेट खेलने का शौक था. गांव की गलियों और खेतों में वो क्रिकेट खेलते. जिसके लिए उन्हें घर वालों की डांट भी पड़ती थी. उन्हें पढ़ाई पर फोकस करने को कहा जाता था. उनके चाचा उन्हें इसके लिए मारते भी थे. क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी.

माता-पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी करे. पिता घर का खर्च चलाने के लिए कोलकाता में टैक्सी चलाया करते थे. मुकेश को उनके पिता ने उन्हें साल 2011 में अपने पास कोलकाता बुला लिया. पिता का सपना था कि बेटा आर्मी ज्वाइन करे. या कोई अच्छी सी नौकरी करे. मुकेश ने तीन बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की परीक्षा भी दी. लेकिन मेडिकल में फेल हो गए.

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मांगा एक साल की मोहलत

मुकेश को शुरू से पता था कि वो क्रिकेट में बेहतर कर सकते हैं. लेकिन अपने निजी कारणों से वो नहीं खेल पाए. पर कहते है ना कि प्रतिभावान अपना रास्ता बना ही लेता है. मुकेश के साथ ही भी ऐसा ही हुआ. मुकेश ने अपने पिता से एक साल का वक्त मांगा और क्रिकेट के मैदान में पसीना बहाना शुरू कर दिया. आगे उन्होंने कोलकाता के एक क्लब को ज्वॉइन किया और क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया.

वो साल 2014 था, जब क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल द्वारा ‘विजन 2020’ के नाम से चलाए जा रहे ट्रायल में मुकेश ने हिस्सा लिया और वह सिलेक्ट हो गए. 2015 में उन्हें बंगाल टीम से रणजी खेलने का मौक़ा मिला. आज मुकेश के पिता उनके बीच नहीं है. बीते 2019 में ब्रेन स्ट्रोक से उनकी मौत हो गई थी. लेकिन, वो जहां भी होंगे उन्हें अपने बेटे पर गर्व होगा. क्योंकि मुकेश अब क्रिकेटर बन चुके हैं.

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घरेलू मैचों में किया शानदार प्रदर्शन, मिला टीम इंडिया का टिकट

दोनों तरफ स्विंग कराने वाले मुकेश कुमार ने घरेलू मैचों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया. अब तक वो 31 फर्स्ट क्लास मैचों में 114 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. वो पांच बार पांच विकेट लेने का कीर्तिमान भी रच चुके हैं. वहीं लिस्ट A के 18 मैचों में उनके नाम 17 विकेट दर्ज हैं. वो 17 टी-20 मैचों में भी 19 विकेट चटका चुके हैं. घरेलू मैचों में दमदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का टिकट मिल गया है. वह आगामी साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली एकदिवसीय सीरिज में टीम इंडिया का हिस्सा हैं.

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मुकेश के सिलेक्शन पर उनकी मां मालती देवी का कहना है कि “मेरा बेटा देश के लिए खेलेगा. मुझे उसकी सफलता पर फख्र है. वहीं उनके चाचा को भी इस बात का अफ़सोस है कि बचपन में उन्होंने मुकेश को क्रिकेट खेलने के लिए मारा. वो उसकी काबलियत नहीं समझ सके. उन्हें  मुकेश पर गर्व है. वह देश के लिए खेलेगा.