बगावत की आशंका? शिमला शहरी सीट पर जीत के लिए कांग्रेस बहा रही पसीना

शिमला. बगावत की आशंका के बीच शिमला शहरी सीट को जीतने के लिए कांग्रेस पसीना बहाती हुई नजर आई. शिमला शहरी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश जनारथा प्रचार सामग्री के बिना ही वोट मांगने जनता के बीच पहुंचे. रविवार को जनारथा ने संजौली में जनता से वोट मांगे.

बता दें कि शिमला शहरी सीट से 40 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया था, अब टिकट आबंटन के बाद पार्टी के भीतर बगावत की आशंका है. कांग्रेस प्रत्याशी ने बगावत की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि टिकट तय होने से पहले सभी नेता लड़ाई लड़ते हैं लेकिन किसी के भी बीच मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी टिकटार्थियों ने तय किया था कि टिकट की घोषणा के बाद सभी एकजुट होकर पार्टी को जिताने के लिए कार्य करेंगे.

प्रदेश की कई सीटों पर उठ रही विरोधी की चिंगारी को लेकर जनारथा ने कहा कि पार्टी एकजुट है, जहां पर नेताओं में नाराजगी है, उसे जल्द दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह के रूझान शिमला समेत पूरे प्रदेश से मिल रहे हैं, उससे ये तय है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. चुनाव प्रचार को लेकर उन्होंने कहा कि त्यौहारों को देखते हुए 25 अक्तूबर के बाद बड़े स्तर पर प्रचार अभियान शुरू किया जाएगा.

अपने विरोधी पक्ष को शुभकामनाएं देते हुए हरीश जनारथा ने कहा कि कांग्रेस आश्वस्त करती है कि पार्टी पूरी तहजीब,तमीज और मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ेगी. किसी के भी खिलाफ अभद्र टिप्पणी नहीं की जाएगी और न ही सहन की जाएगी. अपनी जीत को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि कोई भी चुनाव आसान नहीं होता, विरोधी को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए.जनारथा ने जनता को दीवाली और भैया दूज की शुभकामनाएं भी दी.

शिमला सीट पर भाजपा का कब्जा

बीते 15 साल से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है. बीते चुनाव में कांग्रेस ने यहां से हरभजन सिंह भज्जी को उतारा था. हरीश जनारथा ने आजाद चुनाव लड़ा था. वह दूसरे नंबर पर रहे थे. उनकी वजह से कांग्रेस के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार मुकाबला इसलिए रोचक है क्योंकि भाजपा ने यहां से जीत की हैट्रिक लगाने वाले सुरेश भारद्वाज का टिकट बदल दिया है. उनके बदले संजय सूद को टिकट दिया गया है, जबकि भारद्वाज कुसुमपट्टी से चुनाव लड़ेंगे.