प्रसिद्ध सच्चियाय माता मंदिर में लगी भीषण आग, ऊंची लपटें उठती देखकर मची अफरातफरी

जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर (Jpodhpur) जिले के ओसियां कस्बे में स्थित प्रसिद्ध श्री सच्चियाय माताजी मंदिर (Sacchiaya Mataji temple Osian) परिसर में मंगलवार देर रात को भीषण आग लग गई. आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि पटाखों की चिंगारी गिरने से मंदिर में लगे पर्दों और टेंट ने आग पकड़ ली. मंदिर परिसर में आग को धधकता देखकर वहां अफरातफरी मच गई. बाद में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने आग पर बड़ी मुश्किल से काबू पाया. आग पर समय रहते काबू पा लेने से बड़ा हादसा होने से टल गया.

जानकारी के अनुसार यह मंदिर करीब 11 सौ वर्ष पुराना है. श्री सच्चियाय माताजी मंदिर परिसर में आग लगने की घटना मंगलवार देर रात को हुई. मंदिर के ऊपरी हिस्से में लगी आग देखते ही देखते विकराल रूप लेने लगी. आग मंदिर में लगे पर्दो और टेंट तक फैल गई. आग लगने की घटना के दौरान मंदिर परिसर में भय का माहौल पैदा हो गया. आग बुझाने के लिए मंदिर में लगे फायर सिस्टम घटना के वक्त नाकाफी साबित हुए.

मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आमदरफ्त रहती है
आग की लपटें कस्बे में दूर-दूर तक दिखाई देने लगी. बाद में मंदिर के आसपास रहने वाले और अन्य लोग मौके पर दौड़े. उन्होंने बड़ी मुश्किल से पानी की बाल्टियों और स्थानीय संसाधनों के माध्यम से आग पर काबू पाया. आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नही चल पाया है. माना जा रहा है कि किसी पटाखे की चिंगारी के कारण आग लगी है. गनीमत यह रही हादसा रात के समय हुआ अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी. क्योंकि मंदिर में दिन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आमदरफ्त रहती है.

करीब 11 सौ वर्ष पुराना है यह प्राचीन मंदिर
यह मंदिर देश के प्राचीनतम मंदिरों की श्रेणी में आता है. मान्यता है कि सच्चियाय माता, सचिया माता के नाम से भी जानी जाती हैं. सच्चियाय मंदिर जोधपुर शहर से करीब 63 किमी दूर ओसियां कस्बे में स्थित है. सच्चियाय मंदिर जोधपुर जिले का सबसे बड़ा मंदिर है. शिलालेख और प्राचीन मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 9वीं या 10वीं सदी में राजा उपेन्द्र ने करवाया था. सच्चियाय माता को ओसवाल, जैन, परमार, पंवार, कुमावत, राजपूत, जाट, चारण, पंवार, देवासी, पारीक और माहेश्वरी समाज कुलदेवी के रूप पूजते हैं