शिमला IGMC में मरीज की मौत पर जमकर हंगामा, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में बुधवार सुबह एक मरीज की मौत पर जबरदस्त हंगामा हुआ. ह्रदयरोग विभाग में मंडी जिले के सरकाघाट के जमसाई गांव के रहने वाले 47 वर्षीय मरीज की मौत पर हंगामा हुआ. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर, अस्पताल स्टाफ और तीमारदारों के बीच जमकर बहस हुई. तीमारदार का कहना था कि 10 दिनों से ये कहा जा रहा है कि मरीज की हालत गंभीर है लेकिन यहां पीजीआई या किसी और अस्पताल के लिए रैफर नहीं किया गया, इलाज में लापरवाही बरती गई.

आईजीएमसी के ह्रदय रोग विभाग में जमकर बवाल हुआ है. मंडी के सरकाघाट के रहने वाले 47 वर्षीय मरीज की हुई मौत हो गई.

डॉक्टर मरीज के परिजनों को बता रहे थे कि लापरवाही की वजह से मौत नहीं हुई है. डॉक्टरों ने बताया कि किस वजह से मरीज की मौत हुई है लेकिन परिजन ये कह रहे थे कि जब आपको पता था कि मरीज की हालत खराब है तो 10 दिनों तक यहां क्यों रखा, वो मरीज को प्रदेश से बाहर किसी और अस्पताल में लेकर जाते.

बहस के बाद डॉक्टर चले गए अंदर
इस बहस के बीच मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर को गुस्सा और वो कमरे के अंदर चले गए. इस बीच तीमारदार ने कुछ कहा तो डॉक्टर ने आपा खोया, दरवाजे को जोर से धक्का देकर बाहर आए और तीमारदार पर हमला करने की कोशिश की. इसके बाद हंगमा और बढ़ गया, कॉर्डियोलॉजी विभाग में खासी भीड़ जमा हो गई. थोड़ी देर बाद सीनियर डॉक्टरों ने स्थिती को संभाला, तीमारदारों और इलाज कर रहे डॉक्टर के बीच आराम से बैठकर बात की. इस दौरान डॉक्टर ने अपने व्यवहार को लिए माफी भी मांगी.

एंजियोग्राफी के लिए ऑपरेशन थियेटर ले गए, बाद में बताया मरीज की मौत हो गई: परिजन
मरीज के दामाद संजीव सिंह राणा ने News 18 को बताया कि 10 दिन पहले उनके ससुर की एंजियोग्राफी आईजीएमसी में हुई थी और उन्हें बुधवार को आईजीएमसी ये कहकर बुलाया गया था कि इन्हें स्टेंट डाला जाएगा. डॉक्टरों के कहे अनुसार मंगलवार को यहां पहुंचे थे बुधवार सुबह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें सीसीयू में ले जाया गया. उन्होंने बताया कि स्टंट डालने आए तो ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया, कुछ समय बाद डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की मौत हो गई है.

इस पर परिजन बिफर गए. मृतक के दामाद और बेटी ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही की बजह से मरीज मौत हुई है. इस पर जब डाक्टरों से पूछा तो डॉक्टरों ने सही से बताने के बजाय अभद्र व्यवहार करना शुरू दिया.

मशीन नहीं होने पर हुई देरी
हंगामा बढ़ने पर आईजीएमसी के एमएस डॉ.जनक राज को मौके पर पहुंचना पड़ा. डॉ. जनक राज ने अपने कार्यालय में इलाज करने वाले डॉक्टर और मृतक के परिजनों के साथ बातचीत की. संजीव राणा ने कहा कि एमएस के सामने हुई बात में डॉक्टर ने बताया कि इलाज से संबंधित एक ओसीटी नाम की मशीन है वो सोमवार को ही पहुंची है तो इस वजह से इलाज में देरी हुई. मशीन न होने की वजह से 10 दिन की देरी हुई है.

डॉक्टर की गलती मिली तो होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर डॉक्टर जनक राज ने कहा कि कॉर्डियोलॉजी विभाग में एक मरीज के इलाज के दौरान मृत्यू की सूचना आई, ये भी जानकारी मिली कि किसी बात को लेकर तीमरदारों और डॉक्टरों के बीच बहसबाजी हुई. उन्होंने कहा कि मौखिक सूचना के आधार पर प्रतीत होता है कि बहसबाजी के दौरान दुर्व्यवहार की वजह से ये सब हुआ. एमएस ने कहा कि घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद और मौके पर मौजूद स्टाफ से जानकारी हासिल करने के बाद नियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, अगर डॉक्टर की गलती पाई जाती है तो उस पर भी नियमों के तहत ही कार्रवाई की जाएगी.