Fifa World Cup Final: एक क्रिकेट का भगवान तो दूसरा फुटबॉल का… मेसी-तेंदुलकर का ये अदृश्य रिश्ता, आंखें नम कर देगा

Lionel Messi and Sachin Tendulkar: अर्जेंटीना के वर्ल्ड कप जीतते ही भावुक दिखे सचिन ने मेसी के लिए खास संदेश भेजा है। पूरी टीम को बधाई दी है। पहला मैच सऊदी से हारने के बाद जबरदस्त वापसी की तारीफ की है। अतिरिक्त समय के अंत में शानदार बचाव लिए मार्टिनेज का विशेष उल्लेख

Sachin tendulkar lionel messi

लुसैल: भारत क्रिकेट लविंग नेशन है। हिंदुस्तान में यह गेम धर्म की तरह पूजा जाता है, जिसके भगवान कहलाते हैं सचिन तेंदुलकर। फुटबॉल में यही रुतबा लियोनेल मेसी को हासिल है। इंडिया समेत दुनिया भर में उनके फैंस हैं। अब सभी चाहने वालों की दुआएं रंग ला चुकी है। लियोनेल मेसी ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है। बीती देर रात फ्रांस का गुरुर चकनाचूर कर दिया। अर्जेंटीना की इस जीत में मेसी छाए रहे। मेसी की इस जीत से सचिन तेंदुलकर भी गदगद हैं। दोनों खिलाड़ियों के बीच गजब का संयोग है। एक अदृश्य रिश्ता है।

सचिन और मेसी दोनों एक ही नंबर की जर्सी पहनते हैं। 10 नंबर दोनों महान प्लेयर्स की दूसरी पहचान है। मेसी आठ साल पहले जर्मनी के खिलाफ विश्व कप फाइनल हार गए थे जबकि 2003 में सचिन का भी सपना टूटा था, जब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 2011 विश्व कप सेमीफाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच जीता था, मेस्सी ने 13 दिसंबर, 2022 को क्रोएशिया के खिलाफ अर्जेंटीना के सेमीफाइनल मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था। तेंदुलकर ने आखिरकार 2011 में अपने करियर का पहला विश्व कप जीता। मेसी ने इस बार अपनी सबसे बड़ी ख्वाहिश पूरी की।

सोशल मीडिया पर दोनों प्लेयर्स की तुलना हो रही थी, फैंस अपने दिल की बात रख रहे थे। ऐसे में खुद सचिन भी अपने आपको नहीं रोक पाए और एक पोस्ट से इशारा कर ही दिया कि वो भी मेसी को वर्ल्ड कप जीतते देखना चाहते हैं। इसके बाद तो पोस्ट पर रिप्लाईज की बाढ़ आ गई। हर कोई अपने अंदाज से इस जीत को सेलिब्रेट कर रहा था।

फाइनल में मेसी के नाम एक के बाद एक कई रिकॉर्ड दर्ज हुए। वह फीफा वर्ल्ड कप के किसी एक संस्करण में ग्रुप स्टेज, राउंड ऑफ-16, क्वॉर्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में गोल करने वाले पहले फुटबॉलर बन गए। कुल 13 गोल और आठ असिस्ट के साथ मेसी 1998 वर्ल्ड कप से लेकर अभी तक सर्वाधिक गोल में भागीदारी (21) वाले प्लेयर भी बने। उन्होंने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड कप में पहला गोल किया था और अब 35 की उम्र में भी गोल करके वह वर्ल्ड कप में गोल और असिस्ट करने वाले सबसे कम उम्र और सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बने। फाइनल के दौरान उन्होंने इंटरनेशनल करियर का 100वां गोल भी दागा।