मौत से लड़ते हुए रिटायर्ड IPS की पत्नी ने किरायेदारों को दी थी आवाजें, भतीजे से भी की करुण पुकार

fire in lucknow

लखनऊ के इंदिरानगर के सेक्टर 18 स्थित रिटायर्ड आईपीएस अफसर डीसी पांडेय के घर में शनिवार रात करीब 10.15 बजे आग लग गई। आग की वजह से डीसी पांडेय, उनकी पत्नी अरुणा पांडेय व दिव्यांग बेटा शशांक पांडेय घर में फंस गए। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड व पुलिस टीम ने परिवार को बाहर निकाला। डीसी पांडेय को लोहिया संस्थान ले जाया गया, जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि पत्नी व बेटे को लोहिया संस्थान से ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। प्रभारी निरीक्षक गाजीपुर मनोज कुमार मिश्र के मुताबिक एसी में शॉर्ट सर्किट की वजह से पहली मंजिल के आगे के कमरे में आग लगी। परिवार पहली मंजिल के पीछे वाले कमरों में था। जीने का रास्ता आगे वाले कमरे से ही है। निकलने के रास्ते पर आग होने के कारण परिवार बाहर नहीं निकल सका।
सीढ़ी लगाकर जाते हुए पुलिसकर्मी

2 of 9

अरुणा पांडेय ने किरायेदारों को आवाज देने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहीं। इसके बाद उन्होंने अपने भतीजे अक्षत को कॉल कर घटना की जानकारी दी। अक्षत की सूचना पर दमकल व स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सबको बाहर निकाला।
रिटायर्ड आईपीएस के दिव्यांग बेटे को बाहर लाते दमकलकर्मी

3 of 9

सीढ़ी लगा दो दरवाजे तोड़े, कमरों में फंसे लोगों को निकाला
लखनऊ के गाजीपुर के सेक्टर -18 में रिटायर्ड आईपीएस डीसी पांडेय के मकान में आग लगते ही कमरों में धुआं भरने लगा। पत्नी अरुणा पांडेय ने किरायेदारों को काफी आवाजें दीं, लेकिन आवाज बाहर नहीं गई। इस पर उन्होंने भतीजे अक्षत को कॉल की। अक्षत ने मौके पर पहुंचने के साथ दमकल व पुलिस को सूचना दी।
रिटायर्ड आईपीएस डीसी पांडेय का फाइल फोटो

4 of 9

इस दौरान अक्षत लगातार बात कर रहा था, लेकिन धुएं के कारण धीरे-धीरे तीनों बेसुध हो गए। वहीं, दो दरवाजे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को निकाला गया।   प्रभारी निरीक्षक गाजीपुर मनोज कुमार मिश्रा के मुताबिक, बाहर के कमरे में आग लगी थी। सीढ़ियों के माध्यम से कमरे तक पहुंचने के लिए प्रयास किया गया, लेकिन कोई पहुंच न सका।
मौके पर जमा पुलिस और अन्य लोग

5 of 9

इस पर बालकनी में सीढ़ी लगाकर दमकल कर्मी ऊपर चढ़े और आग पर काबू पाने के प्रयास करने लगे। उधर, पुलिसकर्मी बगल के मकान से ऊपरी तल पर चढ़ गए और दमकलकर्मियों की मदद करने लगे। लपटों पर काबू पाते ही पहले दो दरवाजों को तोड़ा गया और अंदर जाकर तीनों को निकालने के लिए प्रयास किया। धुआं होने के चलते कोई भी अंदर नहीं जा पा रहा था।