आउटसोर्स भर्ती मामले पर हिमाचल विश्वविद्यालय की वित्त कमेटी लेगी अंतिम फैसला

प्रदेश विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति के कार्यकाल में फरवरी और मार्च माह में आउटसोर्स आधार पर हुई भर्तियों की विशेष कमेटी ने समीक्षा की है। अब मामला इसी माह होने वाली विवि वित्त कमेटी की बैठक में जाएगा। 

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति के कार्यकाल में फरवरी और मार्च माह में आउटसोर्स आधार पर हुई भर्तियों की विशेष कमेटी ने समीक्षा की है। अब मामला इसी माह होने वाली विवि वित्त कमेटी की बैठक में जाएगा। करीब 60 भर्तियों पर बवाल होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अप्रैल माह से इनका मासिक मानदेय भी रोका है। अब वित्त कमेटी में आउटसोर्स भर्तियों का मामला जाएगा। इस मामले पर फैसला वित्त कमेटी ही लेगी। विश्वविद्यालय में साल 2015 से लेकर आउटसोर्स आधार पर रखे कर्मियों की संख्या 250 से अधिक है। 

इनमें डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित माली, चपरासी, सफाई कर्मी के पद शामिल हैं। हालांकि शुरूआती दौर में आउटसोर्स पर कर्मियों को रखे जाने के लिए बाकायदा वित्त कमेटी से अनुमति जरूर ली गई थी, मगर बाद में हुई ऐसी भर्तियों के लिए वित्त कमेटी की मंजूरी न लिए जाने के कर्मचारी नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

नियमित भर्तियां होने पर क्या होगा आउटसोर्स कर्मियों का 
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में सैकड़ों के हिसाब से आउटसोर्स आधार पर कर्मचारी रखे जा चुके हैं। वहीं दूसरी और विश्वविद्यालय ने गैर शिक्षकों के विभिन्न श्रेणियों के सैकड़ों विज्ञापित पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। नियमित भर्तियां होने पर इन आउटसोर्स आधार पर रखे कर्मियों का क्या होगा। यह भी सवाल है।