एनसीपी नेता छगन भुजबल के खिलाफ FIR, शख्स को जान से मारने की धमकी देने का आरोप

एनसीपी नेता छगन भुजबल पर एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. (File Photo)

एनसीपी नेता छगन भुजबल पर एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री छगन भुजबल व दो अन्य के खिलाफ एक व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. चेंबूर पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता ललित कुमार टेकचंदानी की शिकायत पर आईपीसी की धारा 506 (2) के तहत छगन भुजबल के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. ललित कुमार ने एनसीपी नेता पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने के लिए दुबई कनेक्शन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है. छगन भुजबल पर आरोप है कि उन्होंने हिन्दू-देवी देवताओं को लेकर जो विवादित बयान दिया था, उसका वीडियो शिकायतकर्ता ने फॉरवर्ड किया था. इसे लेकर एनसीपी नेता ने अपने दुबई कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए पीड़ित को जान से मारने की धमकी दिलवाई. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

ललित ने पुलिस को जो जानकारी दी है, उसके अनुसार वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और अक्सर गलत कार्यों के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं. हाल में, उन्होंने एक वीडियो छगन भुजबल के WhatsApp पर भेजा था, जिसमें उन्होंने हिंदू-देवी देवताओं का अपमान किया था. उसके बाद से उन्हें धमकी भरे फोन आने लगे, अलग-अलग नंबरों से कॉल किया जाने लगा. अपशब्दों के साथ धमकी देते हुए कहा गया कि भुजबल साहब को वीडियो भेजा तो घर मे आकर गोली मारूंगा…प्रदेश से आकर लोग तुझे मारेंगे. इस धमकी से जुड़े कई सबूत ललित ने चेंबूर पुलिस को दिए हैं, जिन नंबरों से कॉल आया था, साथ ही जो मैसेज WhatsApp पर भेजे गए. इसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने दो दिन पहले महाराष्ट्र के विद्यालयों में देवी सरस्वती की मूर्ति की उपस्थिति पर सवाल उठाए थे. मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भुजबल ने कहा था कि विद्यालयों में सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और भीमराव आम्बेडकर की मूर्तियां लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा था, ‘इन समाज सुधारकों के बजाय, देवी सरस्वती और शारदा की मूर्तियां विद्यालयों में लगाई जाती हैं. हमने उन्हें नहीं देखा है और उन्होंने हमें कुछ भी नहीं सिखाया है. हम उनके सामने प्रार्थना क्यों करें?’महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, चूंकि सरस्वती ज्ञान की देवी हैं तो मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी.