जल्द घर बैठे दर्ज कराई जा सकेगी एफआईआर, वाहन और सामान चोरी से होगी शुरुआत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि झूठी एफआईआर को रोकने के लिए जरूरी प्रावधान किए जाने की आवश्यकता है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी

प्रदेश में जल्द ही घर बैठे एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। सरकार वाहन चोरी और गुुमशुदा सामान के मुकदमों से इस ई-एफआईआर प्रणाली की शुरुआत करेगी। इसे देवभूमि मोबाइल एप्लीकेशन से जोड़ा जाएगा। मंगलवार को राज्य सचिवालय में गृह विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने ई-एफआईआर पोर्टल का प्रस्तुतीकरण दिया।

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। अधिकारियों ने सीसीटीएनएस के तहत बनाए जा रहे ई-एफआईआर पोर्टल के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि सरकार का मूल मंत्र है।

सिस्टम इस प्रकार का होना चाहिए, जिससे जनता सुगम तरीके से अपनी शिकायतों का समाधान करा सके। कहा कि ई-एफआईआर से आमजन को बहुत सुविधा होगी। व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। ई-एफआईआर की उच्चाधिकारी नियमित रूप से समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाए जाने की जरूरत है। ड्रोन टेक्नॉलोजी का भी उपयोग किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और पुलिस सुधार से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, एडीजी वी मुरूगेशन, आईजी विमला गुंज्याल, अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल, सहित गृह व पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

झूठे मुकदमे रोकना जरूरी, कमेटी बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि झूठी एफआईआर को रोकने के लिए जरूरी प्रावधान किए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में सुझाव देने के लिए एक समिति बनाई जाए।
ई-एफआईआर में वर्चुअल थाना स्थापित किया जाएगा। जो भी ई-एफआईआर की जाएगी, वह इस वर्चुअल थाने में जाएगी। शिकायत करने वाले को इसकी रसीद मिल जाएगी। यहां इसका परीक्षण कर इसे संबंधित थाने में आवश्यक कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।  ई-एफआईआर पोर्टल को देवभूमि मोबाइल एप से भी जोड़ा जाएगा।