शिमला जिला के तहत वन विभाग की टिक्कर रेंज में 74 पेड़ों पर अवैध रूप से चली कुल्हाड़ी के बाद अब वन विभाग व पुलिस ने दोषियों की पहचान कर 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं पुलिस ने दोषियों के घरों व बागीचों से अवैध रूप से रखी लकड़ी भी बरामद कर ली है, जिसमें कुल 74 पेड़ों में से देवदार के 21 पेड़ (22.30 घन मीटर) व कायल के 53 (154.79 घन मीटर) पेड़ कटे हंै। पुलिस थाना रोहडू में दर्ज इस मामले के मुताविक अवैध रूप से कटी वन संपदा की कीमत बाजार के मूल्यांकन के मुताबिक एक करोड़ 14 लाख 34 हजार 175 रुपए है। वहीं लोगों ने वन विभाग की टिक्कर रेंज में वन विभाग की लापरवाही के चलते सामने आया यह मामला जहां पहले ही वन विभाग के गले की फांस बना हुआ है। वहीं मामले के प्रकाश मे आने अब पुलिस की लापरवाही भी खुलकर सामने आ रही है।
पिछले दो दिन पहले बरामद लकड़ी करीब अढ़ाई हजार कडिय़ों व स्लीपरों को बरामद करने के बाद पुलिस ने जानबुझकर मामला देने व दोषियों के नाम उजागर करने मे देरी की है। इससे इस मामले को लेकर लोगों में वन विभाग के साथ साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। उधर, डीएसपी रोहडू चमन लाल ने बताया कि पुलिस ने उक्त सभी व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 व भारतीय वन अधिनियम की धारा 32, 33, 41 व 42 के तहत मामला दर्द कर लिया है। उहोंने बताया कि दोषियों के खिलाफ दर्ज सभी धाराओं के मुताबिक कड़ी कार्रवाई अमल मे लाई जाएगी।
अपराध में इन लोगों के नाम शामिल
पुलिस थाना रोहडू से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक इस अपराध में शामिल 12 व्यक्तियों में पूर्ण भगत रांटा पुत्र धीरज राम, गोपाल रांटा पुत्र चेत राम, नरवीर रांटा पुत्र सबला राम, धन प्रकाश वर्मा पुत्र शिव राम, कृष्ण चंद पुत्र शिव राम, सुनील पुत्र अम्मी चंद, जवाहर लाल पुत्र नडा राम, देस राज पुत्र धनी राम, सचिन चौहान पुत्र मूर्त सिंह, राम कृष्ण तेगटा पुत्र नंद लाल, ओमकार तेगटा पुत्र नारायण चंद व प्रेम प्रकाश जनारथा पुत्र प्यारे लाल के नाम शामिल हैं।