जमकर चले पटाखे… दिल्ली से नोएडा तक हवा हुई जहरीली, आखिरकार नहीं माने दिल्लीवाले

पटाखे चलाने पर बैन के बावजूद दिवाली के दिन जमकर लोगों ने दिल्ली में आतिशबाजी की। वहीं इसका असर अब अगले दिन यानी आज दिखाई पड़ रहा है, दिल्ली-नोएडा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। दोनों ही जगहों पर एक्यूआई 300 के पार है। आशंका जताई जा रही है कि प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा।

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिल्लीवालों ने दिवाली के मौके पर देर रात तक आतिशबाजी की। पटाखे फोड़े जाने की अगली सुबह दिल्ली में प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ गया है। दिल्ली के साथ ही नोएडा में भी प्रदूषण काफी बढ़ गया है। शाम के वक्त से ही लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी और रात चढ़ने के साथ ही पटाखों की आवाज तेज होती गई। लोगों को पटाखे चलाने से रोकने के लिए नियम बनाए जाने के बावजूद शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है।

देश भर में दिवाली का त्योहार सोमवार को मनाया गया और इस दिन पटाखे फोड़ना पुरानी परंपरा है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में लगातार दूसरे साल पटाखे फोड़ने पर बैन था। दिवाली के अगले दिन दिल्ली में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 323 है जो बहुत ही खराब स्तर माना जाता है। यह पूरे दिल्ली का हाल है, कुछ इलाकों में एक्यूआई 400 को भी पार कर गया है। नोएडा में भी प्रदूषण काफी बढ़ा हुआ है और यहां एक्यूआई 342 है। हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 रहा, जो दिवाली के दिन सात साल में दूसरा सबसे बेहतर एक्यूआई है। इससे पहले 2018 में दिवाली पर एक्यूआई 281 दर्ज किया गया था।

विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। वायु गु‍णवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि अगर पिछले बरस की तरह ही इस बार भी पटाखे फोड़े जाते हैं, तो दिवाली की रात को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच सकती है और एक और दिन रेड जोन में रह सकती है। बुराड़ी में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, वे शिक्षित लोग हैं फिर भी ऐसा कर रहे हैं। बच्चे इससे क्या सीखेंगे। पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही। कुछ निवासियों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज बढ़ गई।
दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी की निगरानी के लिए 408 दल गठित किए गये थे। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए। पड़ोसी हरियाणा के दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में भी लोगों ने पटाखे फोड़े।