तपोवन में खालिस्तान के झंडे लगाने पर यूएपीए में पहली चार्जशीट दाखिल, 247 लोगों के मॉड्यूल का चला पता

हिमाचल प्रदेश में पहली बार आतंकवाद रोधी गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है और उसी के तहत चार्जशीट दाखिल की है। 

विधानसभा मुख्य गेट पर खालिस्तानी झंडे लगाने का मामला।

हिमाचल प्रदेश के तपोवन में विधानसभा के मुख्य गेट पर खालिस्तान के झंडे लगाने और दीवारों पर नारे लिखने के मामले में धर्मशाला पुलिस ने दो के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। हिमाचल प्रदेश में पहली बार आतंकवाद रोधी गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है और उसी के तहत चार्जशीट दाखिल की है। दंडाधिकारी धर्मशाला शुभांगी जोशी की अदालत में दाखिल चार्जशीट में पुलिस ने रूपनगर से गिरफ्तार आरोपी हरजीत और परमजीत पम्मा को शामिल किया है। इनके खिलाफ आठ मई को धर्मशाला थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। एसआईटी की जांच में भारत विरोधी दुष्प्रचार में संलिप्त 247 लोगों के मॉड्यूल का पता चला है, जिसमें 188 लोग भारत, जबकि 59 विदेश में रह रहे हैं। घटना के बाद सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का रिकॉर्ड किया हुआ धमकी भरा संदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें पन्नू ने दावा किया था कि यह सब उसके इशारे पर किया गया है।

पन्नू को भी इस मामले में सह आरोपी व मुख्य साजिशकर्ता के रूप में एफआईआर में नामित किया गया। मामले की जांच के लिए डीआईजी संतोष पटियाल की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी। इसके बाद एसआईटी ने हरवीर सिंह (37) पुत्र राजिंद्र सिंह निवासी हाउस नंबर 137, वार्ड नंबर दो, मोरिंडा जिला रूपनगर पंजाब और परमजीत सिंह उर्फ पम्मा पुत्र मेहर सिंह निवासी रुड़की हिरन, डाकघर लुथेरी, तहसील चमकौर साहिब जिला रूपनगर पंजाब को 11 मई व 14 मई को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, आरोपियों ने घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त किए गए पंजाब नंबर के मोटरसाइकिल और एक स्मार्ट फोन को बरामद किया गया था। जांच में यह भी सामने आया था कि घटनास्थल पर आरोपियों ने एक वीडियो बनाकर उसे पन्नू के साथ साझा किया था।

पेपर लीक मामले की 15 को होगी सुनवाई
पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद अब अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। यह सुनवाई न्यायाधीश कांगड़ा श्वेता नरूला की अदालत में होगी। बताया जा रहा है कि 25 गिरफ्तार आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें न्यायालय में भी पेश किया जा सकता है। इसमें अन्य 66 आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।