यूएई (UAE) के दुबई में पहला हिंदू मंदिर (Hindu Temple) अक्टूबर से खुल जाएगा। यह मंदिर यूएई में बसे 14 लाख हिंदू आबादी की आस्था का मुख्य केंद्र होगा। सबसे ज्यादा हिंदू दुबई और अबु धाबी में रहते हैं और अब वो मंदिर में आ सकते हैं। इसके अलावा दूसरे धर्मों जैसे सिख, को भी मानने वाले लोग इस मंदिर में आ सकेंगे।
दुबई: यूएई में बसे हजारों लोगों को नए हिंदू मंदिर की पहली झलक मिली और इसे देखते ही वो इसकी खूबसूरती में खो गए। यह मंदिर इसी महीने खुला है। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इसकी ओपनिंग होनी बाकी है लेकिन उससे पहले ही यह खबरों में आ गया है। इस मंदिर में सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोग जा सकते हैं। मंदिर में 16 भगवानों की मूर्तियां हैं और पूजा करने वालों के अलावा दूसरे लोगों को भी मंदिर में आने की अनुमति दी गई थी। मंदिर में नौ दिनों तक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इस दौरान हर ईश्वर की पूजा हुई है। अगस्त महीने के अंत में मंदिर में सिखों के पवित्र ग्रुरु ग्रंथ साहिब को भी यहां रखा गया है।
जबेल अली में है मंदिर
मंदिर अंदर से काफी खूबसूरत है और इसकी खूबसूरती देखती ही बनती है। मंदिर के मुख्य हॉल में ईश्वर की मूर्तियां स्थापित हैं। इस हॉल में एक बड़ा सा 3डी प्रिंटेड गुलाबी कमल है जो पूरे गुंबद पर नजर आता है और उसे खूबसूरत बना देता है। कई परिवारों को इसे देखने का मौका उस समय मिला जब उन्होंने यहां पर ईश्वर की स्थापना के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। यह मंदिर ‘पूजा गांव’ के तौर पर मशहूर जबेल अली में स्थित है। यह वह जगह है जहां पर कई चर्च और गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा स्थित है। 1 सितंबर को इस मंदिर को अनौपचारिक तौर पर खोला गया है। मैनेजमेंट की तरफ से क्यूआर कोड आधारित एप्वाइंटमेंट बुकिंग सिस्टम सक्रिय किया गया है। वेबसाइट के जरिए इस क्यूआर सिस्टम का प्रयोग कर दुबई के हिंदू मंदिर के लोगों ने दर्शन किए।
मंदिर में हो रहे मंत्रोचार
पहले दिन से ही मंदिर में दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है, खासतौर पर वीकएंड पर। लेकिन क्यूआर कोड की वजह से एंट्री कुछ हद तक सीमित हो गई है। भीड़ को मैनेज करने और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। मंदिर में इस समय सिर्फ मंत्रोंच्चारण किया जा रहा है। 14 पंडित इस मंदिर में मंत्रों को पढ़ रहे हैं और ये सभी पंडित भारत से गए हैं।
सुबह 7:30 बजे से 11 बजे तक और फिर शाम 3:30 बजे से रात 8:30 बजे तक मंत्रोच्चारण किया जा रहा है। दर्शनार्थियों को भी इस मंत्रोच्चारण में हिस्सा लेने की अनुमति है। इसके अलावा अभी मंदिर में कोई और गतिविधि नहीं हो रही है। यूएई और भारत सरकार के सीनियर अधिकारी इस दौरान मौजूद रहेंगे। इसके अलावा कुछ राजनयिक और समुदायिक लीडर्स को भी इसके लिए न्यौता दिया गया है।
अप्वाइंटमेंट हुए फुल
मंदिर पांच अक्टूबर से आधिकारिक तौर पर बाकी जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर सुबह 6:30 बजे से लेकर रात आठ बजे तक खुला रहता है। मंदिर प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि चार अक्टूबर को मंदिर को औपचारिक तौर पर खोल दिया जाएगा।
दिलचस्प बात है कि अक्टूबर के अंत तक मंदिर में दर्शन करने के लिए अप्वाइंटमेंट्स फुल हो गए हैं। पांच अक्टूबर से जिन लोगों ने वेबसाइट के जरिए बुकिंग कराई है, उन्हें असीमित समय तक के लिए एंट्री मिल सकेगी। वर्तमान समय में दर्शन सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही है। बुकिंग सिस्टम अक्टूबर के अंत तक रहेगा और इसके बाद सदस्यों को फ्री एंट्री मिलेगी। वो किसी भी समय आकर दर्शन कर सकते हैं। आंगुतकों से अनुरोध किया गया है कि वो मंदिर तक आने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।
70,000 स्क्वॉयर फीट में
दुबई में करीब 64 साल पहले एक हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ था। बुर दुबई में स्थित उस मंदिर में भगवान शिव और कृष्ण की स्थापना हुई है। लेकिन यह अब तक का सबसे विशाल मंदिर है। जबेल अली में साल 2012 में एक भव्य गुरुद्वारा बनाया गया था। मंदिर के अधिकारियों की मानें तो यह मंदिर 70,000 स्क्वॉयर फीट के हिस्से में फैला है और दो मंजिला है।
पहली मंजिल पर एक बड़ा सा प्रेयर हॉल है। इसके एक किनारे पर छोटे कमरे बने हैं जिसमें 16 भगवान स्थापित हैं। वहीं, भगवान ब्रह्मा के लिए एक अलग से कमरा है। पहली मंजिल पर 4,000 स्क्वॉयर फीट का एक हॉल है। इस हॉल में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा। इनमें श्रद्धांजलि सभा, शादी समारोह और दूसरे कार्यक्रम शामिल होंगे।