

वायरल वीडियो की गवाही… महिला शिक्षक से मोबाइल छीनने की कोशिश, नाकाम हुए तो मारे पत्थर
एक महिला शिक्षक का बनाया पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह यह कहते हुए अपने मोबाइल से हेडमास्टर का वीडियो बना रही है कि गांव वालों को भी तो पता चले कि करता क्या है ये बुड्ढा। हेडमास्टर यह कहते सुनाई दे रहे है- तुम्हारा वीडियो बनाने के अलावा मेरे पास और कोई काम नहीं क्या है। गर्मागर्मी बढ़ने के बाद अचानक हेडमास्टर शिक्षिका के हाथ से मोबाइल छीनने की कोशिश करते हैं। धमकी देते हैं कि रास्ते में मरवा दूंगा। स्टाफ की बीचबचाव की कोशिशों के बीच शिक्षिका मोबाइल बचाकर वीडियो बनाती रहती है तो उस पर पत्थर फेंकने लगते हैं। पुरुष स्टाफ ने बमुश्किल उन्हें काबू में किया।

वीडियो में स्कूल में पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे बच्चे इस घटनाक्रम के दौरान चेहरों पर बेहद हैरानी और डर के भाव के साथ सकते में दिखाई दिए। हाथापाई और पत्थरबाजी के दौरान वे अपनी जगह जड़ बने बैठे पूरा नजारा देखते रहे। इसी बीच हेडमास्टर ने उन्हें घर जाने को कहा तो उनमें भगदड़ मच गई। अपने बस्ते उठाकर वे घर की ओर दौड़ पड़े।

इस घटना के बाद स्कूल के महिला और पुरुष शिक्षकों ने बीईओ शशांक शेखर मिश्रा को घटनाक्रम के वीडियो के साथ शिकायत सौंपी। बीईओ ने बताया कि उन्होंने वीडियो को अपनी रिपोर्ट के साथ बीएसए को भेज दिया है। इस रिपोर्ट में स्कूल के हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
उत्पीड़न और शोषण की शिकायतें आम

शहर के एक स्कूल में तैनात महिला अनुदेशक ने प्रधानाध्यापक पर शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विभागीय अफसरों को खुदकुशी कर लेने की धमकी दे दी थी। महिला अनुदेशक का कहना था कि प्रधानाध्यापक शिक्षक नेता भी है और पड़ोस के स्कूल में तैनाती होने के बावजूद उस पर अपने स्कूल में आकर काम करने का दबाव डालता है। इनकार करने पर कई बार उसके खिलाफ कार्रवाई कराने की धमकी दे चुका है। अफसर भी उसी की सुनते हैं। महिला अनुदेशक की खुदकुशी की धमकी के बाद अफसरों ने प्रधानाध्यापक को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी, तब कहीं यह क्रम रुका।

अफसरों पर भी नाजायज अपेक्षाएं पूरी न होने पर शिक्षकों के शोषण के आरोप लगते रहे हैं। कुछ समय पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग की जिला समन्वयक पर अवकाश लेने के बावजूद अनुपस्थित दिखाकर एक दिन का वेतन काट देने का आरोप लगाते हुए एक शिक्षक कोर्ट चला गया था और जिला समन्वयक पर मानसिक उत्पीड़न की एवज में पांच लाख रुपये का दावा कर दिया था। अफसरों ने इसके बाद शिक्षक को मनाकर लीगल नोटिस वापस कराया।
शेरगढ़ ब्लॉक के एक स्कूल में महिला शिक्षक ने प्रधानाध्यापक के उत्पीड़न की वजह से अपने पति के साथ आना शुरू कर दिया था। उसने अफसरों से शिकायत की थी कि प्रधानाध्यापक उसके साथ अनुचित व्यवहार करते हैं। उसे अक्सर छुट्टियों में भी स्कूल आने को मजबूर करते हैं। उसने अफसरों से की शिकायत में कहा था कि प्रधानाध्यापक की हरकतों की वजह से उसके पति भी उस पर शक करने लगे हैं और उसका दांपत्य जीवन तबाह होने के कगार पर पहुंच गया है।