समाज में ट्रांसजेंडर्स को आज भी भेद-भाव का सामना करना पड़ता है. उन्हें हर रोज़ समान अधिकार और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ती है. बहुत से लोग अपने मन में ट्रांसजेंडर्स के लिए खिलाफ़ ग़लत सोच रखते हैं और ये समझते हैं कि ट्रांसजेंडर्स सिर्फ़ भीख मांगते हैं. वक़्त-बेवक़्त कई ट्रांस समुदाय के लोगों ने अपनी काबिलियत साबित की है, इसके बावजूद उन्हें समान अधिकार और बराबर के मौके नहीं मिलते. ट्रांस समुदाय के सदस्यों को सशक्त बनाने के लिए मायानगरी मुंबई में पहला ट्रांसजेंडर सैलून खोला गया. इसे ट्रांसजेंडर चलाते हैं और यहां काम भी ट्रांसजेंडर ही करते हैं.
मुंबई का अनोखा सैलून
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुंबई में ट्रांसजेंडर सैलून खोला गया. इसे 7 ट्रांसजेंडर्स चलाते हैं. सैलून की ओनर जै़नब भी ट्रांस समुदाय की सदस्य हैं. ज़ैनब ने कहा कि किन्नर समुदाय को सशक्त बनाने के लिए ये कदम उठाना ज़रूरी थी.
ट्रांसजेंडर और LGBT समुदाय द्वारा चलाया जाएगा Transformation Salon
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के Transformation सैलून को ट्रांसजेंडर और LGBT समुदाय के लोग चलाएंगे. बीते शनिवार सुबह इस सैलून का उद्घाटन हुआ. शामिल पुजारी नामक ट्रेन्ड ब्यूटिशियन को बीते कई सालों से नौकरी मिलने में परेशानी हो रही थी. सैलून के मालिक उसके काम की तारीफ़ करते लेकिन उसकी ‘पहचान’ की वजह से उसे नौकरी नहीं मिलती थी. लोगों को लगता था कि ट्रांसजेंडर को नौकरी पर रखने से कस्टमर कम हो जाएंगे. पुजारी जैसे कई ट्रांस और LGBT समुदाय के लोगों को ‘ट्रांसफ़ोर्मेशन सैलून’ में नौकरी मिली.
मुंबई के प्रभादेवी में खुला है ये सैलून. इसे Deutsche Bank और रोटरी क्ल्ब बॉम्बे ने सपोर्ट किया है.
ट्रेनिंग और नौकरी दोनों मिलेगी
सैलून में चार ब्यूटिशियन, मैनिक्योर, पेडिक्योर, हेयरकट, हेयरवॉश के लिए एक मैनेजर है. इसके अलावा यहां के फ़र्स्ट फ़्लोर पर ट्रेनिंग सेंटर भी है. सैलून की ओनर ज़ैनब ने बताया, ‘हम LGBTQ समुदाय के लोगों को कुछ नया सिखाना भी चाहते हैं ताकि उन्हें नौकरी मिल सके. हमारे यहां ट्रांस और जनरल कस्टमर्स आएंगे तो इससे हमारा समाज सशक्त बनेगा.’
ज़ैनब ने अंधेरी में मुंबई का पहला ट्रांस कैफ़े भी खोला था. उन्होंने बताया कि शहर में इस तरह के और सैलून खोलने का भी प्लान है.