नई दिल्ली: रूस पर प्रतिबंधों की बात करना एक अभियान जैसा लगता है… भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह बात तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस के सामने कही थी। वही लिज ट्रस अब ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। वो मार्च-अप्रैल में भारत दौरे पर आई थीं। रूस के यूक्रेन पर हमले से दुनिया में उथल-पुथल मची थी और अलग-अलग देशों में प्रभावी पदों पर तैनात नेता भारत दौरे पर आ रहे थे। वह वही दौर था जब अमेरिका और पश्चिमी देश भारत से अपेक्षा कर रहे थे कि वह रूस के खिलाफ कार्रवाई में उनका साथ दे, लेकिन भारत अपनी संप्रभु नीति पर आगे बढ़ता रहा। इसी माहौल में लिज ट्रस 31 मार्च, 2022 को भारत आईं। वो तब ब्रिटेन की विदेश मंत्री थीं। उन्होंने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत में रूस से तेल खरीदने का मुद्दा छेड़ दिया। बस क्या था, जयशंकर अपने लय में आ गए। उन्होंने आव देखा ना ताव और दो टूक लहजे में कह दिया कि ऐसे अभियान से भारत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। जिस तरह अन्य देश अपने-अपने हितों को तवज्जो देते हैं, उसी तरह भारत भी रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों के आईने में ही कोई फैसला करेगा।
2022-09-06