हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में स्थित एफसीआई के गोदामों में गेहूं और चावल गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के बाद ही प्रदेश सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा खोली गई उचित मूल्य की दुकानों और राशन के डिपो में भेजे जाते हैं। कांगड़ा शहर में स्थित फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का गोदाम, कांगड़ा एवं चंबा जिला के कई राशन डिपो में गेहूं और चावल की सप्लाई करता है ।एफसीआई के अधिकारी विभिन्न चरणों में गेहूं और चावल के सैंपल लेते हैं और इनमें नमी की मात्रा की जांच करते हैं। यदि राशन में नमी तय सीमा से अधिक पाई जाती है तो इसे आगे नहीं भेजा जाता। समय-समय पर इन गोदामों में कीटनाशकों का स्प्रे भी किया जाता है, ताकि अनाज को सुरक्षित रखा जा सके।
निगम द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जिससे खाद्यान्नों के रख रखाव, परिचालन व वितरण क्षमता के बारे जानकारी लोगों तक पहुंचती रहे। भारतीय खाद्य निगम कांगड़ा भारत में एक सरकारी संस्था है जो उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अंतर्गत आता है। इसका लक्ष्य पूरे देश में खाद्यान्नों की खरीद, बिक्री एवं वितरण और देश के नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारतीय खाद्य निगम भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्य कल्याण योजना और स्कूलों में मिड डे मील वह आंगनवाड़ी केंद्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
कांगड़ा स्थित भारतीय खाद्य निगम कांगड़ा के प्रबन्धक, विजय राठौर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा फोरटिफ़ायड चावल का वितरण भी आरम्भ कर दिया गया है । फोर्टिफाइड चावल खाद्य नियामक एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाया जाता है। इसमें चावल को तीन सूक्ष्म पोषक तत्वों – आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 के साथ मिश्रित किया जाता है I
उन्होंने कहा कि कांगड़ा स्थित इस गोदाम की क्षमता 4176 मीट्रिक टन है तथा खाद्य भंडार टांडा खोली हिमाचल के सबसे अत्यधिक आवंटित गोदामों में से एक है I खाद्य भंडार टांडा खोली के गोदाम मे गेहूं ,चावल सामान्य व फोरटिफ़ायड चावल का भंडारण किया जाता है तथा वर्तमान में यह काँगड़ा के नगरोटा , कनियारा ,चेत्डू और शाहपुर क्षेत्र में खाद्यान की आपूर्ति विभिन योजनाओं के तहत करता है I इससे पूर्व यहाँ से मंडी जिले के जोगिंदर नगर और लडभड़ोल जेसे इलाको को भी विभिन योजनाओ के तहत खादद्यान्न आवंटित किया गया हैI इस महीने भारतीय खाध्य निगम टांडा खोली से लगभग 3500 मेट्रिक टन गेहूं व 1500 मेट्रिक टन चावल राज्य सरकार , हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा उठाया जाना हैI
उन्होंने कहा कि खाध्यान को पंजाब क्षेत्र से प्राप्त करने के पशचात खाध्यान को पहले भारतीय खाध्य निगम के परिसर मे स्थित धर्म कांटे मे तौला जाता है व तकनीकी विश्लेषण व परीक्षण किया जाता है उसके बाद ही खाध्यान को गोदाम में श्रमिको द्वारा उतारा जाता हैI
भारतीय खाद्य निगम टांडा खोली डिपो रियल टाइम बेसिस पर कार्य करता है । गोदाम मे भंडारण किए जाने वाले खाध्यान की बोरियों की क्रमबंध तरीके से स्टैकिंग की जाती है इसके अतिरिक्त भंडारण किए गए खाध्यान की रसायनिक उपचार निश्चित अवधि पर की जाती है ताकि खाध्यान को कीट मुक्त व गुणवता पूर्ण रखा जाए । गोदाम में निरंतर वातायन कराया जाता है एवं गोदाम कि साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है । इस दौरान गोदाम मे खाध्यान के स्टेकिंग की प्रक्रिया और खाध्यान परीक्षण/विश्लेषण का भी अवलोकन किया गया। भारतीय खाध्य निगम टांडा खोली के प्रबंधन द्वारा गोदाम की कार्यप्रणाली बेमेण्ट , स्टेकिंग ,परीक्षण व रिकॉर्ड कीपिंग की भी जानकारी उपलब्ध कराई गयी । सुचारु रूप से गोदाम का संचालन हो इसके लिए आवशयक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। हेंडलिंग के लिए श्रमिकों की व्यवस्था है । गोदाम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुरक्षा प्रहरी भी उपलब्ध है ।
एफसीआई कांगड़ा की टेक्निकल असिस्टेंट ज्योति नेगी ने कहा कि खोली स्थित खाद्य भंडार से चावल और गेहूं की सप्लाई की जाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब से यहां पहुंचने वाले ट्रकों की स्टैकिंग की जाती है और 6 महीनों के अंतराल के ऊपर सैंपल लिए जाते हैं और सैंपल में खरा उतरने के बाद ही खाद्य पदार्थों को आगे अन्य वितरण भंडारों में भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाता है और 15 दिन बाद नियमित तौर पर चेकिंग की जाती है।