नाहन, 24 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा के चुनाव (Assembly Elections) को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है। 2022 के विधानसभा चुनाव में राजगढ़ की बजाय सराहां में नामांकन पत्र दाखिल किए जा रहे हैं, साथ ही मतगणना भी सराहां में ही होगी। जिला मुख्यालय से सराहां की दुरी तक़रीबन 37 किलोमीटर है,जबकि राजगढ़ की शार्ट दुरी 80-85 किलोमीटर है।
आपको बता दें कि पच्छाद व सराहां एक ही नाम के पर्याय हैं। लाजमी तौर पर आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि ऐसा क्यों हुआ है। दरअसल, 2019 में सराहां में एसडीएम कार्यालय (SDM Office) खुल गया था। इसके बाद से एसडीएम स्थाई तौर पर नियुक्त है। विधानसभाा चुनाव में एसडीएम ही रिटर्निंग अधिकारी होता है।
हालांकि, राजगढ़ में दशकों से एसडीएम कार्यालय है, लेकिन चुनाव में रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति पच्छाद के एसडीएम की हुई है। इसके पीछे तकनीकी वजह भी है। दरअसल, भारतीय निर्वाचन आयोग (election Commission of India) में पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र दर्ज है। इसमें राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र नहीं लिखा गया है।
ऐसी अटकलें हैं कि बदलाव को लेकर राजगढ़ क्षेत्र ने आपत्ति भी जताई थी, लेकिन आयोग ने ये साफ कर दिया कि जब पच्छाद में एसडीएम कार्यालय शुरू हो चुका है तो रिटर्निंग अधिकारी की भूमिका भी पच्छाद के एसडीएम की ही होगी।
राजकीय मॉडल डिग्री कॉलेज सराहां में पहली बार स्ट्रॉन्ग रूम व मतगणना केंद्र स्थापित होगा। गौरतलब है कि राजगढ़ व सराहां के बीच 50 किलोमीटर से भी अधिक की दूरी है। खास बात ये है कि ये निर्वाचन क्षेत्र गिरि आर व गिरिपार दो हिस्सों में बराबर बंटा हुआ है।
खास बात ये भी है कि 1951 से 1967 तक प्रदेश निर्माता डॉ. वाईएस परमार का ये हलका गृह निर्वाचन क्षेत्र रहा। 1982 से 2007 तक गंगूराम मुसाफिर लगातार 7 बार चुनाव जीते। 2012 में भाजपा, कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाने में सफल हो गई। 10 साल से भाजपा का ही रुतबा बरकरार है।