समय-समय पर जानवरों के साथ होने वाली अमानवीय घटनाओं के बीच कुछ ऐसी ख़बरें भी आती रहती हैं, जो यह बताती हैं कि लाख बुराईयों के बावजूद समाज में कहीं न कहीं संवेदनाएं बची हुई हैं. यूपी के नोएडा से सामने आया ताज़ा मामला इसका एक बड़ा उदाहरण है, जिसमें 5 स्कूली छात्राएं एक कुत्ते के लिए मसीहा बनकर सामने आईं. उनके द्वारा डिज़ाइन किए गए 3D प्रिंट वाले कृत्रिम पैर की बदौलत आज एक कुत्ता पहले की तरह चलने-फिरने के क़ाबिल बन सका.
मीडिया रिपोर्ट्स में कुत्ते का नाम अलिता (Alita) बताया जा रहा है, जिसने एक ट्रेन दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया था. सौभाग्य से नोएडा का एक एनजीओ उसकी मदद के लिए आगे आया और उसका इलाज शुरू कर दिया. अलिता का इलाज कर रहे डॉक्टर लगातार प्रयासरत्न थे कि उसका पैर जल्द से जल्द ठीक हो जाए, मगर उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी.
ऐसी स्थिति में नोएडा के ‘शिव नाडर स्कूल’ में पढ़ने वाली 10वीं की 5 स्कूली छात्राएं उसके लिए फ़रिश्ता बनकर आई हैं. स्कूल के एक प्रोजेक्ट ‘कैपस्टोन’ के तहत उन्होंने 3D प्रिंट वाले कृत्रिम पैर डिज़ाइन किए, जिसकी मदद आतिल पहले की तरह फिर से चल-फिर सकेगा.
इन 5 लड़कियों में से एक आरूषि के मुताबिक मनुष्यों के पास कई विकल्प हैं, जिनकी मदद से वो अपना इलाज ख़ुद करा सकते हैं. मगर जानवरों के पास ऐसी सुविधा नहीं है. मसलन उन्होंने ‘एनिमल्स प्रोस्थेटिक्स’ पर काम करना शुरू किया. प्रोस्थेटिक्स पैर का डिज़ाइन इसका परिणाम है.
गौरतलब हो कि आरुषि, उत्पल, नव्या, स्प्रीहा और श्रेया ने मिलकर अपने ‘3डी प्रिंट प्रोस्थेटिक्स लेग’ मॉडल को बनाने के लिए बहुत मेहनत की है. पहले कुत्तों के बारे ख़ूब सारा अध्ययन किया, फिर उनकी मदद के लिए कई मॉडल तैयार किए. इस सब में उन्हें 6 महीने का वक़्त लग गया.