प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि थोड़े दिनों तक चीता देखने के लिए आना नहीं है, चीतों को सेटल होने देना है। फिर वो बड़ी जगह पर जाएंगे। वहां कुछ दिन सेटल होने देना है, लेकिन सब नेता लोग आ जाएंगे। उनके रिश्तेदार आ जाएंगे। यह आपका काम है किसी को घुसने मत देना।
कूनो नेशनल पार्क में बंद आठ चीतों में से दो नर चीतों को शनिवार को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाने के बाद कूनो में विशेष बाड़े में छोड़ा। प्रधानमंत्री ने इस पर ट्वीट कर खुशी जाहिर की। वहीं, चीतों की आजादी पर मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह चिढ़ गए हैं। उनका कहना है कि उनको अधिकारियों ने सूचना नहीं दी। यदि जानकारी मिलती तो वे कूनो जाते। ऐसे में सवाल यह है कि क्या मध्य प्रदेश के वन मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाइडलाइन को चुनौती दे रहे हैं।
दरअसल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीतों को कूनों में बाड़े में छोड़ने के बाद चीता मित्रों से बात की थी। इसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ था। इस बातचीत में प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से पूछा था कि पशु से इंसान को खतरा है या इंसान से पशु को खतरा है। इस पर चीता मित्रों ने जवाब दिया कि इंसान से पशुओं को खतरा है। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जैसे ही यह काम शुरू करेंगे तो सबसे पहली मुसीबत क्या आने वाली है। सबसे बड़ी समस्या मेरे जैसे नेता लोग करेंगे। अभी बताया होगा कि थोड़े दिनों तक चीता देखने के लिए आना नहीं है, उसे सेटल होने देना है। फिर वो बड़ी जगह पर जाएगा। वहां कुछ दिन सेटल होने देना है, लेकिन सब नेता लोग आ जाएंगे। उनके रिश्तेदार आ जाएंगे। टीवी कैमरे वाले आ जाएंगे। यह आपका काम है किसी को घुसने मत देना। मैं भी आ जाऊं तो घुसने मत देना। मेरे नाम से मेरा रिश्तेदार आ जाए तो भी घुसने नहीं देना। जब तक उनका समय पूरा न हो जाए किसी को घुसने मत देना। प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि चीतों को कूनो की जलवायु में अपने आप को ढालने तक उसके सारे निर्णय चीता टास्क फोर्स के सदस्य लेंगे।
पांच-छह महीने बाद जंगल में छोड़ेंगे
कूनो नेशनल पार्क में 600 हेक्टेयर में अलग-अलग कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। कंपार्टमेंट आठ में दो में चीतों को छोड़ा गया है। इनमें यह चीते खुद शिकार करेंगे। अभी 6 चीतों को छोटे बाड़े में क्वारेंटीन रखा गया है, जिनके बारी बारी से बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। बाड़े में छोड़े गए चीते, हिरण, सांभर, नील गाय, जंगली सूअर का शिकार करेंगे। यहां यह खुद को स्वाभाविक रूप से खुद को ढाल लेंगे। इसके पांच-छह महीने बाद उनको जंगल में छोड़ा जाएगा।
24 घंटे में चार बार मिलेगी लोकेशन
वन विभाग के अधिकारी बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतों की मॉनीटरिंग कर सकेंगे। चीतों के गले में कॉलर आईडी लगाए गए हैं। इनकी लोकेशन सेटेलाइट के माध्यम से दिन में चार बार वन विभाग के अधिकारियों को सिस्टम पर ऑटोमेटिक मैसेज के माध्यम से मिलते रहेगी। इसकी मदद से टीम जरूरत पड़ने पर चीते के पास पहुंच सकेंगी।
खूंखार तेंदुए के लिए चीते का बाड़ा आरक्षित